Manipur को लेकर संसद में अमित शाह ने दी पूरी जानकारी, बताया कैसे शुरू हुई थी हिंसा, शांति के लिए अब क्या हो रहा

By अंकित सिंह | Aug 09, 2023

मणिपुर को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जो हिंसक घटनाएं हुई, उससे सभी को दुख हुआ है। ऐसी घटनाओं का कोई भी समर्थन नहीं कर सकता। लेकिन इस तरह की घटनाओं पर राजनीति करना और भी ज्यादा शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि एक भ्रांति देशभर के सामने फैलाई गई है कि यह सरकार मणिपुर पर चर्चा को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि जब संसद आहूत भी नहीं हुआ था, तभी मैंने अध्यक्ष जी से पत्र लिखकर मांग की थी कि हमें मणिपुर पर चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं पहले दिन से चर्चा के लिए तैयार हूं। लेकिन विपक्ष चर्चा को तैयार नहीं। उन्हें सिर्फ विरोध करना है। उन्होंने कहा कि मेरी चर्चा से अगर वे संतुष्ट नहीं होते तो प्रधानमंत्री की बयान की मांग करते। उन्होंने कहा कि मणिपुर के मुद्दे पर गृहमंत्री को अपना पक्ष ना रखने देना किस तरह का लोकतंत्र विपक्षी चाहते हैं। अमित शाह ने कहा कि मणिपुर में शांति के लिए लगातार कोशिश की जा रही है। दोनों समुदायों के बीच बफर जोन बनाया गया है। उन्होंने संसद से दोनों समुदायों से शांति बहाल करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हिंसा के सभी मुद्दे का समाधान नहीं है। 

 

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मणिपुर में क्या हुआ

अमित शाह ने कहा कि करीब साढ़े 6 साल से मणिपुर में भाजपा की सरकार है। 6 साल में एक भी दिन कर्फ्यू या बंद नहीं रहा। उग्रवादी हिंसा लगभग समाप्त हो चुकी थी। 2021 में हमारे देश के पड़ोस में म्यांमार में सत्ता परिवर्तन हुआ। कुकी समुदाय का झगड़ा म्यांमार की मिलिट्री से था। इसलिए वह मिजोरम और मणिपुर में ज्यादा आने लगे। वे यहां बसने लगे। इस तरीके से मणिपुर के बाकी लोगों में असुरक्षा की भावना उत्पन्न हुई। इसके बाद हमने बॉर्डर पर फेंसिंग की शुरुआत कर दी। 10 किलोमीटर का फेंसिंग पूरा हो गया है। 60 किलोमीटर पर फेंसिंग जारी है। जनवरी में जो भी शरणार्थी वहां आए थे, उनका पहचान पत्र बनाना शुरू किया। उनके थम और आई इंप्रेशन भी लिए गए। फिर भी इनकी संख्या बढ़ती गई जिससे मैतेई लोगों में असुरक्षा की भावना फैली। इस बीच 29 अप्रैल को एक अफवाह फैली कि 58 जो शरणार्थियों की बसावट हैं उनको गांव घोषित कर दिया गया है। उसी के बाद हाईकोर्ट के आए फैसले ने आग में तेल डालने का काम किया। 


नस्लीय हिंसा के इतिहास को समझने की जरूरत 

शाह ने कहा कि कोर्ट के फैसले ने सालों से पेंडिंग पड़ी याचिका पर सुनवाई की और कह दिया कि पहले मैतई को आदिवासी घोषित कर दिया जाएगा। इसके बाद हिंसा हो गई। गृह मंत्री ने कहा कि मणिपुर के नस्लीय हिंसा के इतिहास को समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अबतक राज्य में 152 लोग मारे गए हैं। मणिपुर में हमने दाम को कंट्रोल करने की कोशिश की। शर्मनाक वीडियो पर अमित शाह ने कहा कि यह समाज के नाम पर धब्बा है। वीडियो 4 मई की दुर्भाग्यपूर्ण घटना की है। मणिपुर में महिलाओं से बदसलूकी समाज पर धब्बा है। उन्होंने सवाल किया कि किसी के पास वीडियो था तो पुलिस को देना चाहिए था। अगर समय पर यह वीडियो पुलिस को दे दी गई होती तो दोषियों को पकड़ लिया गया होता और इतना बवाल नहीं होता। दोषियों को फिलहाल हमने अरेस्ट कर दिया है और वे जेल में है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वीडियो की टाइमिंग पर मैं नहीं जानना चाहता। अमित शाह ने कहा कि सरकार वहां हिंसा को रोकने के लिए कई काम कर रही है। मैं गृह मंत्री होने के नाते वहां 3 दिन रहा। वहीं नित्यानंद राय ने गृह राज्य मंत्री होने के नाते वह 23 दिन तक रहे। लगातार शांति के प्रयास किए जा रहे हैं। 14898 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अमित शाह ने कहा कि जब कोई राज्य का मुख्यमंत्री सहयोग नहीं कर रहा हो तो उसे बदलना पड़ता है। यह सीएम केंद्र के साथ सहयोग किया है। 

 

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पीएम मोदी ने पूर्वोत्तर को मन से जोड़ा 

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नॉर्थईस्ट की दूरी को कम की है। उन्होंने नॉर्थईस्ट को मन से जोड़ा है। उत्तर पूर्व में हिंसा में 68 फ़ीसदी की कमी आई है। पीएम मोदी 9 वर्षों में 50 से ज्यादा बार नॉर्थ ईस्ट के दौरे पर गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि यूपीए सरकार अंदर ही अंदर झगड़ा लगाती थी। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि आने वाले समय में हम पूर्वोत्तर को बाढ़ से मुक्त बनाएंगे। नार्थ ईस्ट में शांति लाने में कड़ी मेहनत की गई है। 

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