By अभिनय आकाश | Mar 29, 2024
भारत और चीन के बीच बयानबाजी का दौर जारी है। इस बार गलवान या तवांग नहीं बल्कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश को अपने पिटने की नई जगह के रूप में चुना है। पीएम मोदी की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा के बाद चीन की सेना की नींद उड़ गई। इसी बौखलाहट में चीन ने अपनी सेना को लद्दाख के पास उतार दिया। चीन की सेना लद्दाख से सटे शिनजियांग प्रांत के पास काराकोरम क्षेत्र में सैन्य अभि्यास किया। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के लाइव फायर अभ्यास में सतह से हवा में मार करने वाली उन्नत मिसाइल प्रणाली का प्रदर्शन किया गया। परीक्षण के वीडियो फुटेज को वीबो पर 514,000 से अधिक बार देखा गया। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा लाइव-फायर अभ्यास पूर्वी लद्दाख के पार एक रणनीतिक करकोरम पठार में हुआ, जहां चीन और भारत 2020 से सैन्य गतिरोध में बंद हैं। जून 2020 से चीन और भारत तनावपूर्ण सैन्य गतिरोध में हैं, जिसमें हजारों सैन्यकर्मी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात हैं, जो वास्तविक सीमा है जो दो एशियाई महाशक्तियों को विभाजित करती है।
भले ही पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीनी और भारतीय पक्ष के कम से कम 50,000 सैनिक एक-दूसरे का सामना कर रहे हैं, लेकिन तनावपूर्ण सीमा के दुर्लभ क्षेत्रों में सैनिकों की कहीं अधिक बड़ी तैनाती के लिए जाना जाता है। चीन ने ये अभ्यास ऐसे समय में किया जब अरुणाचल प्रदेश को लेकर भारत चीन के बीच बयानबाजी चल रही है। चीन शायद ये भूल गया है कि उसके पीठ के पीछे से वार करने के बाद भारतीय सेना के जवानों ने किस तरह चीनी सेना के सैनिकों को भगाया था। सामने आए वीडियो में चीनी सेना के तोपों और गुजरते टैंकों की पोजिशन व फायरिंग करते हुए दिखाया गया है।
बात अगर अरुणाचल प्रदेश की करें तो वो भारत का हिस्सा शुरू से था और आगे भी रहेगा। चीन को इससे आपत्ति है। उसे पता है कि अगर अरुणाचल में भारत विकास के कार्य करेगा तो उससे फायदा होगा। इसलिए वो कभी अरुणाचल के नाम बदलने की कोशिश में लगा रहता है तो कभी अरुणाचल के खिलाड़ियों को अपने देश में खेलने की अनुमति तक नहीं देता। अरुणाचल में भारत के किसी भी नेता के आने का चीन हमेशा से विरोध करता है। लेकिन भारत की ताकत के आगे वो झुक गया है। लेकिन अब चीन के इस कदम के बाद भारत क्या करेगा इस पर सभी की नजरें हैं।