By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 06, 2020
नयी दिल्ली। ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद अमेरिका और ईरान में बढ़ते तनाव के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को ईरान, ओमान, यूएई और अमेरिका के विदेश मंत्रियों से बात की और क्षेत्र में बढ़ते तनाव को लेकर भारत की चिंताओं से उन्हें अवगत कराया। विदेश मंत्री ने अपने ईरानी समकक्ष जवाद जरीफ से बात की और कहा कि भारत क्षेत्र में तनाव के बढ़ते स्तर को लेकर बेहद चिंतित है।
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जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और ओमान के विदेश मंत्री यूसुफ अलावी से भी बातचीत की। इसके अलावा उन्होंने यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायेद अल नहयान से भी बातचीत की। जयशंकर ने जरीफ से बातचीत के बाद ट्वीट कर कहा कि ईरान के विदेश मंत्री से अभी बात की। उन्होंने बताया कि घटनाक्रम ने बेहद गंभीर रुख अख्तियार कर लिया है। भारत तनाव के बढ़ते स्तर को लेकर बेहद चिंतित है। हमने संपर्क में बने रहने पर सहमति जताई।
जयशंकर ने पोम्पिओ को फोन कर खाड़ी क्षेत्र के मौजूदा हालात पर चर्चा की और उन्हें भारत की चिंताओं से अवगत कराया। जयशंकर ने ट्वीट किया कि खाड़ी क्षेत्र में तनाव को लेकर विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के साथ फोन पर बात की। भारतीय हित और चिंताओं से उन्हें अवगत कराया। पोम्पिओ ने भी ट्वीट किया कि मैंने और डॉ. एस. जयशंकर ने ईरान की धमकियों और उकसावों के संबंध में अभी बातचीत की है। ट्रंप प्रशासन अमेरिकियों की जिदंगियों और हमारे दोस्तों तथा सहयोगियों को सुरक्षित रखने के लिए कार्रवाई करने से हिचकेगा नहीं।
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यूएई के समकक्ष के साथ बातचीत के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया कि यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायेद अल नहयान से सार्थक बातचीत हुई। क्षेत्र में हालिया घटनाक्रम को लेकर विचारों का आदान- प्रदान हुआ।’’इससे पहले जयशंकर ने ओमान के विदेश मंत्री से फोन पर हुई बातचीत के बाद ट्वीट किया, “क्षेत्र में तनाव को लेकर विदेश मंत्री यूसुफ अलावी के साथ चर्चा की। खाड़ी में स्थायित्व और सुरक्षा से जुड़े हमारे साझा हितों की एक बार फिर पुष्टि की।”
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ईरानी, अमेरिकी, यूएई और ओमान के विदेश मंत्रियों के साथ जयशंकर की यह बातचीत हाल ही में ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर के अमेरिकी हमले में मारे जाने के बाद हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी थी कि अमेरिका ने वहां 52 संभावित लक्ष्यों की पहचान की है और अगर तेहरान ने सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के लिये अमेरिका के खिलाफ कोई हमला किया तो वह उसे अब तक की सबसे बड़ी चोट पहुंचाएंगे। ईरान ने सुलेमानी की मौत का “बदला” लेने का संकल्प व्यक्त किया था।