हिजाब पर विवाद के बीच भाजपा ने क्यों खेला यूनिफॉर्म सिविल कोड का दाँव ?

By अंकित सिंह | Feb 14, 2022

देश में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज है। इन सबके बीच हिजाब का भी मुद्दा गर्म है। हिसाब को लेकर राजनीतिक दल एक-दूसरे पर जमकर हमलावर हैं। प्रभासाक्षी के चाय पर समीक्षा कार्यक्रम में हमने हिजाब को लेकर उठे विवाद पर चर्चा की और साथ ही साथ यह भी जानना चाहा कि क्या इससे राजनेता राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश तो नहीं कर रहे? प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में हमेशा की तरह मौजूद रहे संपादक नीरज कुमार दुबे जी। नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि चुनाव के समय कुछ भी घटना होती है तो उसको साफ तौर पर राजनीति से जोड़ दिया जाता है। भले ही इससे किसी राजनेता को फायदा हो या ना हो। उन्होंने कहा कि मामला कर्नाटक का है लेकिन राजनीति उत्तर भारत में हो रही है। इसके अलावा उन्होंने साफ तौर पर यह भी कह दिया कि हिजाब का हिसाब भाजपा ने कर दिया है। हमने सवाल किया कि आखिर ऐसा कैसे हो गया नीरज दुबे ने कहा कि राजनीति यूनिफॉर्म को लेकर हो रही है लेकिन भाजपा यूनिफॉर्म सिविल कोड पर आ गई है।

 

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नीरज दुबे ने कहा कि हमारा जो संविधान है वह सभी के आस्था को अपने हिसाब से प्रकट करने का अधिकार देता है। इसके साथ ही हमें दूसरे के धर्म और आस्था को ठेस नहीं पहुंचाना चाहिए। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मामला सिर्फ और सिर्फ हिजाब पहनने को लेकर है। हिजाब पहनने पर किसी को मनाही नहीं है। मामला शिक्षण संस्थान का है। उस शिक्षण संस्थान में ड्रेस कोड है और वह सदियों से है। नीरज दुबे ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि कुछ तत्व ऐसे हैं जो चाहते हैं कि भारत में अशांति बनी रहे। यही कारण है कि वह हिजाब को लेकर भी मामला गर्म करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह वही लोग हैं जो कभी सीएए को लेकर होने वाले विरोध प्रदर्शन को समर्थन दे रहे थे तो कभी किसानों के विरोध प्रदर्शन को समर्थन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारे देश के अल्पसंख्यक समुदाय को काफी भ्रमित करने की कोशिश की जाती है। सीएए आंदोलन और किसान आंदोलन के बाद अब हिजाब आंदोलन शुरू करने की कोशिश की जा रही है।

 

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नीरज दुबे ने कहा कि स्कूल में समानता होने चाहिए और इसके लिए एक समान ड्रेस कोड होता है। आप स्कूल से बाहर अपने धर्म के पोशाक को पहन सकते हैं, इसमें किसी को कोई दिक्कत नहीं है। नीरज दुबे ने राहुल गांधी, अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी के बयान का हवाला देते हुए कहा कि मामला पूरा का पूरा टूलकिट होता दिखाई दे रहा है। जैसे विपक्ष के सभी नेता एक ही तरह के बयान दे रहे हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि विपक्ष के नेता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि नेगेटिव बनाने की कोशिश कर रहे हैं और यही कारण है कि हिजाब मुद्दे को वह बार-बार उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से विदेशी मुल्कों के कुछ नेताओं ने इस पर बयान दिए हैं, इससे साफ जाहिर होता है कि एक रणनीतिक तौर पर इस मुद्दे को उछाला जा रहा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हिसाब विवाद को भाजपा ने कॉमन सिविल कोड लाकर पूरी तरीके से धो कर रख दिया है।

 

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने बात करते हुए कहा कि दूसरे चरण में उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में चुनाव होने हैं। यही कारण है कि हिजाब मुद्दे को विपक्ष की ओर से ज्यादा उठाया जा रहा है तो भाजपा ने कॉमन सिविल कोड का ऐलान करके हिंदू आबादी को गोलबंद करने की कोशिश शुरू कर दी है। हमने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भी नीरज दुबे से बात की। उन्होंने कहा कि मुकाबला जमीन पर कांटे की टक्कर की है लेकिन एक तरफा माहौल फिलहाल किसी की ओर नहीं है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उत्तर प्रदेश के मतदाता सुरक्षा व्यवस्था को लेकर काफी सजग है और यही कारण है कि मौजूदा सरकार की तरफ उनका झुकाव देखने को मिल रहा है। उन्होंने स्वीकार किया कि योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता बेहद ही सराहनीय दिखाई पड़ती है। गांव देहात में महिलाओं तक योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता काफी ज्यादा है। उन्होंने इस बात को भी कहा कि कहीं ना कहीं किसान के नाराज होने की जो बातें कही जा रही थी, ऐसा कुछ भी नहीं है। किसान अपनी सुरक्षा को लेकर काफी सहज महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हां, बीजेपी प्रत्याशियों के खिलाफ नाराजगी जरूर है। लेकिन योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि पर भाजपा को वोट मिलेंगे। उन्होंने कहा कि फ्री राशन स्कीम भाजपा के लिए बहुत ज्यादा काम करती हुई दिखाई दे रही है। महिलाएं मोदी और योगी के इस स्कीम की मुरीद होती दिखाई दे रही हैं।

 

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