By अंकित सिंह | Jun 24, 2022
महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल लगातार तेज है। इन सबके बीच महाराष्ट्र पुलिस और केंद्रीय एजेंसी अलर्ट मोड पर है। माना जा रहा है कि राजनीतिक उठापटक के बीच कहीं अचानक कानून व्यवस्था अस्त-व्यस्त ना हो जाए। इसलिए पुलिस प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा गया है। दरअसल, महाराष्ट्र में शिवसेना के बीच बड़ी फूड दिखाई दे रही है। शिवसेना में नंबर दो की हैसियत रखने वाले एकनाथ शिंदे पार्टी के दो तिहाई विधायकों के साथ बगावत पर उतर चुके हैं। उनके साथ 40 से ज्यादा विधायक गुवाहाटी में मौजूद है। वहीं, उद्धव ठाकरे भी मुख्यमंत्री आवास छोड़कर मातोश्री में रहने पहुंच गए हैं।
अलर्ट पर महाराष्ट्र पुलिस
इसको लेकर महाराष्ट्र पुलिस की ओर से एक आदेश को जारी किया गया है। आदेश में कहा गया है कि महाराष्ट्र के सभी पुलिस थानों, खासकर मुंबई के पुलिस थानों को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया गया है। पुलिस को सूचना मिली थी कि शिवसैनिक बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर सकते हैं। शांति सुनिश्चित करने के लिए पुलिस को सतर्क रहने को कहा गया है। आपको बता दें कि हाल में ही प्रशासन से जुड़े वरिष्ठ लोगों ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी। राजनीतिक संकट के बीच सभी दल अपने-अपने नेताओं को एकजुट करने में जुटे हुए हैं। यही कारण है कि पुलिस प्रशासन भी अब सक्रिय हो गया है और खुफिया रिपोर्ट पर लगातार नजर रख रहा है।
कई सरकारी आदेश जारी किए
शिवसेना के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के अस्तित्व पर छाए संकट के बीच प्रदेश सरकार के विभागों द्वारा बीते चार दिनों में हजारों करोड़ रुपये मूल्य के विकास संबंधी कार्यों के लिये निधि जारी करने के आदेश दिए गए। इन विभागों में अधिकतर गठबंधन सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के नियंत्रण वाले हैं। महाराष्ट्र की एमवीए सरकार में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस शामिल है। ये आदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद हैं। 20 से 23 जून के बीच विभागों ने 182 सरकारी आदेश (जीआर) जारी किए, जबकि 17 जून को उन्होंने 107 ऐसे जीआर पारित किए। तकनीकी तौर पर इन्हें सरकारी प्रस्ताव (जीआर) कहा जाता है जो विकास संबंधी कार्यों के लिए कोष जारी करने की मंजूरी देने वाला एक अनिवार्य अनुमोदन आदेश होता है। वहीं, विपक्षी भाजपा ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से पिछले कुछ दिनों में दिखी “जीआर की हड़बड़ी” को रोकने के लिए हस्तक्षेप की मांग की और इसे “संदिग्ध” करार दिया।