By अनुराग गुप्ता | Jun 24, 2021
जलंधर। पंजाब कांग्रेस का अंर्तकलह समाप्त हो सकता है। इसके लिए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने एक फॉर्मूला बताया है। फॉर्मूला कितना कारगर साबित होगा यह तो लागू करने बाद ही पता चलेगा। हालांकि कांग्रेस आलाकमान द्वारा गठित की गई तीन सदस्यीय समिति पार्टी नेताओं से साथ मुलाकात कर रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस में मचे घमासान को शांत करने के लिए तीन सदस्यीय समिति ने अमरिंदर सिंह को दिल्ली बुलाया था। उनके साथ नवजोत सिंह सिद्धू के संबंध में चर्चा की। उस वक्त खबर निकलकर आई कि सिद्धू द्वारा दिए बयानों से अमरिंदर सिंह खफा हैं और वह उन्हें पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष भी नहीं बनाना चाहते हैं और न ही डिप्टी सीएम का पद देने का विचार कर सकते हैं।
दिल्ली दौरे पर आए अमरिंदर सिंह ने तीन सदस्यीय समिति से मुलाकात की लेकिन उनकी मुलाकात पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से नहीं हुई। जबकि राहुल गांधी प्रदेश कांग्रेस के नेताओं से अपने आवास पर मुलाकात कर रहे हैं। बीते दिनों तो राहुल गांधी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ से भी मुलाकात की थी।
इस मुलाकात के बाद जाखड़ ने बताया था कि अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच में कोई संघर्ष नहीं है। वहीं दूसरे नेता प्रदेश में मचे घमासान को मानने से इनकार कर रहे थे। जाखड़ ने कहा था कि पंजाब की अंतरआत्मा को जो सबसे बड़ा शूल की तरह चुभ रहा है वो मसला है गुरूग्रंथ साहब को चिथड़े-चिथड़े करके फाड़े जाने का और निहत्थे अनुआयियों पर गोली चलाकर उनका कत्ल किया जाना। उनके कातिल आज पंजाब में घूम रहे हैं। ये कांग्रेस को और पंजाब को विचलित कर रहा है।
तो क्या सच में अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच में कोई विवाद नहीं है ? दरअसल राजनीति में कुछ भी स्थाई नहीं होता है। जानकार बताते हैं कि मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के बीच ही असल मतभेद है और उनका मतभेद जगजाहिर भी है। पार्टी नेतृत्व ने तो अमरिंदर सिंह से बालू और ट्रांसपोर्ट माफिया, बिजली मामले समेत अन्य पर कार्रवाई करने को कहा है। अगर अमरिंदर सिंह इनपर कार्रवाई करते हैं तो सिद्धू के लिए भी रास्ता साफ हो जाएगा।
क्या है अमरिंदर सिंह का फॉर्मूला
प्राप्त जानकारी के मुताबिक अमरिंदर सिंह ने प्रदेश कांग्रेस में सुलह कराने के लिए एक फॉर्मूला दिया है। जिसके मुताबिक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के स्थान पर किसी अन्य चेहरे को जगह देने का सुझाव है। हालांकि कांग्रेस आलानेतृत्व सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का विचार कर रहे थे। कांग्रेस की आगे क्या रणनीति होगी यह कह पाना अभी मुश्किल है।