By अनुराग गुप्ता | Jun 10, 2022
जयपुर। राज्यसभा की 16 सीटों के लिए 4 राज्यों में शुक्रवार को मतदान हुआ है। कई राजनीतिक दलों ने हॉर्स ट्रेडिंग के डर से रिजॉर्ट पॉलिटिक्स का सहारा लिया है। इसी बीच राजस्थान के नतीजे सामने आने वाले हैं। इसी बीच भाजपा ने यूटर्न ले लिया है और अब एक सीट जीतने का ही दावा कर रही है। क्योंकि क्रास वोटिंग के चलते उनका समीकरण बिगड़ गया है।
हरियाणा में भी छिड़ा संग्राम
भाजपा ने चुनाव आयोग का रुख किया है। इसी बीच अजय माकन ने भाजपा के आरोपों को खारिज किया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, अजय माकन ने चुनाव आयोग के समक्ष एक रिप्रेजेंटेशन भेजा है। जिसमें बताया है कि भाजपा के द्वारा चुनाव नियमों के उल्लघंन के दावे झूठे और बेबुनियाद हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अजय माकन ने कहा कि उन्होंने खुद वीडियो फुटेज देखा है और कांग्रेस के दो विधायकों की ओर से गोपनीयता या गोपनीयता का उल्लंघन नहीं किया गया।
आपको बता दें कि हरियाणा के निर्दलीय उम्मीदवार ने चुनाव आयोग से कांग्रेस विधायक का मतदान रद्द करने की मांग की। इसके पीछे उन्होंने गोपनीयता के उल्लंघन के नियमों का हवाला दिया।
सभी विधायकों ने किया मतदान
राजस्थान के सभी 200 विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान किया। इसी बीच विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने स्वीकार किया कि एक विधायक ने क्रॉस वोटिंग की है। हालांकि कांग्रेस ने तीनों उम्मीदवारों की जीत की उम्मीद जताई थी।
भाजपा नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि हम दो सीटों पर कैसे जीत सकते हैं जब हमारे पास बहुमत केवल एक सीट जीतने का है? हमने खोया कुछ नहीं... जहां तक एक विधायक द्वारा क्रॉस वोटिंग का सवाल है पार्टी व्हिप के उल्लंघन पर कार्यवाही करेगी।
एकजुट हैं सारे विधायक
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि हमारे तीनों विधायक राज्यसभा में चुनकर जाएंगे और सभा में हमारी पार्टी की आवाज़ बनेंगे। सभी विधायक और निर्दलीय भी हमारे साथ हैं। दिक़्कत की कोई आशंका ही नहीं है। सारे विधायक एकजुट और मज़बूत हैं। आज शाम तक पता चल जाएगा कि हमारे सारे विधायक जीतेंगे।
अशोक गहलोत ने किया था पहला मतदान
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले वोट किया और कांग्रेस के तीनों उम्मीदवारों की जीत का भरोसा जताया। मतदान करने से पहले मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि फिर कहूंगा कि हम तीनों सीट आराम से जीत रहे हैं। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री गहलोत के बाद बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए राजेंद्र गुढ़ा ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इसके बाद उन्होंने बताया कि मैं मुख्यमंत्री गहलोत के बाद वोट करने वाला दूसरा सदस्य था।