By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 05, 2020
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ पिछले महीने हुए प्रदर्शन के दौरान मारे गये सभी लोगों की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई और भाजपा ने लोगों को बरगलाने के लिये सीएए के पक्ष में अभियान शुरू किया है। अखिलेश ने पुराने लखनऊ में पिछले साल 19 दिसम्बर को सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान हिंसा में मारे गये वकील नामक युवक के परिजन से मुलाकात के बाद कहा कि प्रदेश में ऐसे प्रदर्शनों में जितने भी लोग मारे गये हैं, वे सब पुलिस की गोली से ही मरे हैं। उन्होंने कहा, वकील लखनऊ में हिंसक प्रदर्शन में शामिल नहीं था। सरकार को जांच करनी चाहिये कि किसकी गोली लगने से उसकी मौत हुई। उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस के पास है। अखिलेश ने वकील के परिजन को वित्तीय सहायता, मकान और नौकरी देने की मांग करते हुए कहा कि हिंसा में मारे गये सभी लोगों के परिजन को समुचित मुआवजा दिया जाना चाहिये।
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मालूम हो कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने शुरू में दावा किया था कि उसकी गोली लगने से एक भी प्रदर्शनकारी की मौत नहीं हुई। मगर बाद में उसने स्वीकार किया कि बिजनौर में आत्मरक्षा में चलायी गयी गोली से एक प्रदर्शनकारी की मौत हुई। अखिलेश ने सरकार से पूछा कि अगर वह दूसरे देश से आये हुए व्यक्ति को अपनी नागरिकता देना चाहती है तो फिर मुसलमानों को इससे महरूम क्यों रख रही है। ऐसा इसलिये क्योंकि भाजपा समाज को बांटकर राजनीतिक खेल खेलना चाहती है।
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उन्होंने दोहराया कि सपा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का फार्म न भरकर सत्याग्रह करेगी। हर वर्ग, जाति और धर्म के लोग सीएए और एनपीआर के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं। भाजपा जानती है कि उसका फैसला गलत और संविधान के खिलाफ है। इस सवाल पर कि भाजपा सीएए के पक्ष में अभियान चला रही है, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ लोगों को बरगलाने के लिये है। उन्होंने कहा कि भाजपा लोगों को क्या बताएगी ? वह हमें संसद में अपनी दलीलों से संतुष्ट नहीं कर सकी तो अब वह लोगों को भ्रमित करने निकल पड़ी है। अखिलेश ने यह टिप्पणी सीएए को लेकर फैली गलतफहमियों को दूर करने के लिये भाजपा द्वारा 10 दिवसीय अभियान शुरू किये जाने के बाद की।