By नीरज कुमार दुबे | Jan 17, 2022
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भले अपने चाचा शिवपाल यादव को मना लिया हो लेकिन परिवार को अभी वह पूरी तरह एकजुट नहीं कर पाये हैं क्योंकि अब उनके दूसरे चाचा रामगोपाल यादव नाराज हो गये हैं साथ ही अखिलेश के छोटे भाई प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव भी समाजवादी पार्टी से किनारा करने के मूड में हैं। सोमवार को जब अखिलेश यादव से अपर्णा यादव के टिकट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 'हमारे परिवार की हमसे ज्यादा भारतीय जनता पार्टी को चिंता है। हम आपको बता दें कि अपर्णा के बारे में पिछले दिनों अटकलें लग रही थीं कि वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगी लेकिन बाद में यादव परिवार ने इसे खारिज कर दिया। उल्लेखनीय है कि अपर्णा यादव 2017 में लखनऊ में विधानसभा का चुनाव लड़कर पराजित हो गई थीं। इस बीच प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल सिंह यादव ने अपर्णा यादव को सपा में ही रहने की नसीहत देते हुए कहा है कि पहले वह समाजवादी पार्टी के लिए काम करें उसके बाद ही कोई उम्मीद करें।
उत्तराखण्ड में इमोशनल ड्रामा
वहीं उत्तराखण्ड विधानसभा चुनावों की बात करें तो यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच जोरदार उठापटक चल रही है। विधानसभा चुनाव से पहले कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को भाजपा से निष्कासित किए जाने के बाद सोमवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दावा किया कि वह अपने और परिवार के लिए टिकट का दबाव बना रहे थे। धामी के अनुसार, पार्टी ने तय किया है कि एक परिवार से एक व्यक्ति को ही टिकट दिया जाएगा। उधर मंत्रिमंडल से हटाये गये हरक सिंह रावत आज फफक-फफक कर रो पड़े। उनका आरोप है कि उन्हें बर्खास्त करने से पहले उनसे पूछा तक नहीं गया। रावत ने कहा कि उन्हें उनके निष्कासन की जानकारी सोशल मीडिया से मिली। हरक सिंह रावत अपनी पुत्रवधु के साथ कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। माना जा रहा है कि उनकी पुत्रवधु को कांग्रेस लैंसडाउन से प्रत्याशी बना सकती है।
दूसरी ओर, उत्तराखंड में 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले उत्तराखंड महिला कांग्रेस अध्यक्ष और नैनीताल से पूर्व विधायक सरिता आर्य आज भाजपा में शामिल हो गयीं। सरिता आर्य ने प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक की मौजूदगी में पार्टी का दामन थामा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में ना तो महिलाओं का सम्मान किया जाता है, ना कार्यकर्ताओं को सम्मान मिलता है और ना ही ये दल जनता का सम्मान करता है। हम आपको बता दें कि सरिता आर्य ने 2012 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी हालांकि, 2017 में हुआ अगला चुनाव वह भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े संजीव आर्य से हार गयी थीं। गौरतलब है कि अपने पिता और कद्दावर दलित नेता यशपाल आर्य के साथ पिछले साल कांग्रेस में शामिल होने के बाद संजीव आर्य को इस बार कांग्रेस से टिकट मिलना तय माना जा रहा है और ऐसी अटकलें हैं कि इसी के चलते पार्टी से खफा होकर सरिता आर्य भाजपा में शामिल हुई हैं।
पंजाब में आगे खिसका मतदान
उधर, पंजाब चुनावों से संबंधित आज बड़ी खबर आई। चुनाव आयोग ने कहा है कि गुरु रविदास जयंती के मद्देनजर पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 14 फरवरी के बजाय 20 फरवरी को होगा। दरअसल कई राजनीतिक दलों ने 16 फरवरी को गुरु रविदास जयंती के मद्देनजर राज्य में चुनाव स्थगित करने के लिए चुनाव आयोग से सम्पर्क किया था। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, भाजपा तथा उसके सहयोगियों और बहुजन समाज पार्टी ने चुनाव आयोग से मतदान की तारीख आगे बढ़ाने का आग्रह किया था, क्योंकि गुरु रविदास मनाने के लिए लाखों अनुयायी उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर जाते हैं। चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा कि अब चुनाव 20 फरवरी को होंगे। इस दिन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए तीसरे चरण का मतदान भी होना है।