By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 06, 2019
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने मंगलवार को कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव झूठ की बुनियाद पर इमारत खड़ी करना चाह रहे हैं। शर्मा ने कहा कि समाजवादी पार्टी कभी भी कर्मचारियों एवं विद्युत उपभोक्ताओं की हितैषी नहीं रही। उसका कर्मचारियों की भविष्य निधि से सरोकार नहीं है। आज अपने करीबी को बचाने के लिए प्रेस कांफ्रेंस कर अखिलेश यादव ने यह साबित कर दिया कि उनकी पार्टी ही पीएफ घपले की मास्टरमाइंड थी। आज गरीब की झोपड़ी में पहुंची दूधिया रोशनी से भी आपको तकलीफ हो रही है। इसलिए नित नए और मनगढंत आरोप लगाकर सुर्खियां बटोरने में लगे हैं।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अखिलेश ने सिर्फ सियासत के लिए प्रेस कांफ्रेंस की। उनका कर्मचारियों से कोई वास्ता नहीं है। उनकी ही सरकार में 21 अप्रैल 2014 को फ्रॉड की नींव रखी गई, जिसमें सरकारी बैंकों से इतर अन्य संस्थाओं में निवेश के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। 17 दिसंबर 2016 को पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस कार्पोरेशन में निवेश को मंजूरी दे दी गई। 17 मार्च 2017 को डीएचएफएल में पहला निवेश कर दिया गया। शर्मा ने साफ किया कि कर्मचारियों की भविष्य निधि का पैसा कहां जमा होगा यह तय करने का काम ट्रस्ट का है। मंत्री का ट्रस्ट की गतिविधियों से कोई लेना देना नहीं है, क्योंकि ट्रस्ट से जुड़ा कोई दस्तावेज मंत्री के पास नहीं आता। कर्मचारियों द्वारा मामले की शिकायत ज्यों ही उनके पास आई सबसे पहले मामले में सख्त एक्शन लेने का निर्देश दिया गया। स्वयं उन्होंने ही मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मामले की सीबीआई जांच का अनुरोध किया।
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उन्होंने कहा कि मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी भी तत्काल हुई। आज आर्थिक अपराध शाखा ने भी एक गिरफ्तारी की। सीबीआई जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। श्रीमान अखिलेश जी! आपको जांच से तकलीफ क्यों हो रही है? हमने अपने विभाग में मिली हर अनियमितता के मामले में शिकायत पर जांच कराई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने साफ किया है कि मामले में गड़बड़ी करने के जिम्मेदार चाहे निवर्तमान या वर्तमान समय के हों, कोई भी बचेगा नहीं। जांच हो रही है,कर्मचारियों का किसी भी प्रकार से अहित नहीं होगा। यह सरकार ने पहले ही स्पष्ट किया हुआ है। दोषियों की संपत्ति भी जब्त करने की कार्यवाही सरकार करेगी।