By अंकित सिंह | Jan 08, 2025
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने दावा किया कि अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रतिद्वंद्वी एनसीपी (एसपी) में दलबदल कराने की कोशिश कर रही है और उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दिलाने का वादा कर रही है। इसके बाद पूरा मामले को लेकर सियासत तेज हो गई है। एनसीपी सांसद सुनील तटकरे द्वारा एनसीपी-एससीपी सांसदों से संपर्क करने की खबरों पर एनसीपी-एससीपी नेता रोहित पवार ने कहा कि समय मिलने पर वह उनसे संपर्क कर सकते है। वह एक सांसद हैं। लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हमारी ओर से नकारात्मक प्रतिक्रिया थी।
एनसीपी के फिर से एकजुट होने की संभावना पर रोहित पवार ने कहा कि अजित दादा और पवार साहब के निर्णय लेने तक केवल बातचीत होगी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अगर कुछ भी होना है, तो इन दोनों नेताओं के निर्णय लेने के बाद ही होगा। वहीं, संजय राउत की यह टिप्पणी राकांपा नेता अमोल मिटकरी के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के कुछ लोकसभा सदस्य महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के संपर्क में हैं।
राकांपा (सपा) विधायक और पूर्व राज्य मंत्री जितेंद्र अवहाद ने यह भी आरोप लगाया कि अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के राज्य प्रमुख सुनील तटकरे ने प्रतिद्वंद्वी गुट के सांसदों से "पिता और बेटी को छोड़ने" के लिए कहा था, जो स्पष्ट रूप से शरद पवार और उनकी बेटी, बारामती सांसद सुप्रिया सुले के संदर्भ में है। तटकरे ने आरोपों से साफ इनकार किया और कहा कि ये बयान नवंबर 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद राकांपा (सपा) द्वारा अपने झुंड को एक साथ रखने का एक प्रयास था। पत्रकारों से बात करते हुए, राउत ने आरोप लगाया कि राकांपा के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल और तटकरे को शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट में दलबदल कराने का काम सौंपा गया था।