By नीरज कुमार दुबे | Oct 07, 2024
देश में आजकल धार्मिक आधार पर एकजुट होने के आह्वान खूब किये जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में हिंदुओं से एकजुट रहने का आह्वान करते हुए कहा था कि बंटेंगे तो कटेंगे। अब भारत को हिंदू राष्ट्र बताते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि भाषाई, जातीय और क्षेत्रीय विवादों को मिटाकर हिंदू समाज को अपनी सुरक्षा के लिए एकजुट होना होगा। लेकिन उनकी यह टिप्पणी एआईएमआईएम प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी को चुभ गयी है। उन्होंने कहा है कि भारत में ना हिंदुओं को मुसलमानों से खतरा है ना ही मुसलमानों को हिंदुओं से खतरा है। ओवैसी ने कहा है कि दरअसल लोगों को नरेंद्र मोदी और मोहन भागवत से ही खतरा है।
हम आपको बता दें कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गत सप्ताह अपने राजस्थान प्रवास के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों को संबोधित करते हुए कहा कि हम यहां प्राचीन काल से रह रहे हैं, भले ही हिंदू शब्द बाद में आया। मोहन भागवत ने कहा कि हिंदू सभी को गले लगाते हैं। वे निरंतर संवाद के माध्यम से समरसता के साथ रहते हैं। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को भाषा, जाति और क्षेत्रीय विवादों को दूर कर अपनी सुरक्षा के लिए एकजुट होना होगा।
वहीं ओवैसी के बयान की बात करें तो आपको बता दें कि उन्होंने कहा है कि चीन से भारत को खतरा है, लेकिन मोहन भागवत उसकी बात नहीं करेंगे। हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने साथ ही वक्फ विधेयक को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि हमारे देश में 300 साल पुरानी मस्जिदें हैं, कब्रिस्तान हैं, ईदगाह हैं, इनका कोई रिकॉर्ड नहीं है। ओवैसी ने कहा कि मैं कहता रहा हूँ कि वक्फ विधेयक लाकर ये आपकी जमीन छीनना चाहते हैं। ओवैसी ने कहा कि जिस तरह गुजरात में 1200 साल पुरानी मंगरोल शाह पुरानी दरगाह को गिरा दिया गया वैसे ही ये पूरे देश की मस्जिदों को गिराना चाहते हैं। ओवैसी ने कहा कि मोदी अपने आप को विश्व नेता कहते हैं इसलिए वह इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात कर गाजा में युद्ध को बंद करवा कर दिखाएं।