साक्षात्कारः एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने दूर किये कोरोना वैक्सीन से जुड़े लोगों के मन के भ्रम

By डॉ रमेश ठाकुर | Jan 11, 2021

कोरोना वैक्सीन की सरकार से मंजूरी मिलने के बाद कोरोना महामारी से हर कोई जल्द से छुटकारा चाहता है, देशवासी वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। टीकाकरण कैसे होगा, कब लगेगा, किन अस्पतालों में होगी वैक्सीनेशन आदि तमाम सवाल लोगों के जेहन में गूँज रहे हैं। इन्हीं तमाम सवालों का जवाब जानने की कोशिश की डॉ. रमेश ठाकुर ने एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया से। वैक्सिनेशन को लेकर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कई अहम जानकारियाँ दीं। टीके को लेकर कुछ भ्रांतियां भी पनपी हैं उन पर से भी उन्होंने पर्दा उठाया। पेश है डॉ. रणदीप गुलरिया के साथ डॉ. रमेश ठाकुर की बातचीत के मुख्य हिस्से।


प्रश्न- वैक्सिनेशन को लेकर लोगों में कई तरह के सवाल हैं। जैसे कब और कैसे लगेगा टीका?


उत्तर- सरकार ने तारीख का ऐलान कर ही दिया है। कोविशील्ड और कोवैक्सिन का बीते 8-9 जनवरी को पूरे देश में वैक्सिनेशन ट्रायल फेस हुआ। केंद्र सरकार द्वारा दोनों वैक्सीनों का ट्रायल संपन्न हुआ है। इसके बाद जल्द ही देश के विभिन्न क्षेत्रों में टीकाकरण कार्यक्रम आयोजित होंगे। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया और बॉयोटेक दोनों को अपने परीक्षण में सफलता मिली है। अब दुविधा की कोई बात नहीं, एकाध दिनों की सरकारी प्रक्रियाओं के बाद वैक्सीन को सार्वजनिक तौर पर जारी कर दिया जाएगा। लोगों को ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं, पूरा कार्यक्रम सरकार बताएगी, उसी को फॉलो करते रहें।

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प्रश्न- टीका लगाते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होगा? 


उत्तर- नॉर्मल रहें, टीका लगवाने के बाद ज्यादा नहीं, एकाध घंटे तक आराम जरूर करें। अगर कोई परेशानी महसूस हो तो बिना देर करे उसी टीका सेंटर पर मेडिकल स्टाफ को सूचित करें। वैसे डरने की कोई जरूरत नहीं, क्योंकि अपने यहां वैक्सीन को मंजूरी तब दी गई है, जब ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इसके सुरक्षित और प्रभावी होने का अध्ययन कर लिया। वैक्सीन को मंजूरी देने के लिए स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल का पालन किया गया है। 


प्रश्न- सरकार ने किस तरह से खाका तैयार किया है कि सबसे पहले किन्हें दी जाएगी वैक्सीन?


उत्तर- टीका सबको दिया जाएगा। मुझे उम्मीद है, केंद्र सरकार ऐसा ही कार्यक्रम बनाएगी। अभी तक जो मुझे जानकारियाँ मिली हैं उनके मुताबिक पहले स्वास्थ्य कर्मियों, पैरामेडिकल स्टाफ और फ्रंटलाइन हेल्थ वर्करों को टीका लगाया जाएगा। इसके बाद बुजुर्ग या पचास वर्ष से ऊपर के कोरोना मरीज़ों को टीका दिया जाएगा। एम्स में भी एक टीका यूनिट लगाई गई है। उसमें दिल्ली वालों को टीका दिया जाएगा। कुल मिलाकर पोलियो की तरह जनजागरण के आधार पर टीका लगाने का काम होगा।

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प्रश्न- क्या पूर्व में जिन्हें कोरोना हुआ था उन्हें भी टीका दिया जाएगा?


उत्तर- जी हां, उन्हें भी टीका दिया जाएगा। क्योंकि ऐसे केस कई सामने आए हैं जिन्हें एक बार कोरोना हो जाने के बाद दोबारा हुआ। उनको भी टीका दिया जाएगा और उनको भी शेड्यूल पूरा करना होगा। टीका लेने से आपको बेहतर प्रतिरक्षा तंत्र विकसित करने में मदद मिलेगी। जो मरीज कैंसर, शुगर और हाइपरटेंशन की दवाएँ खाते हों, वह भी टीका लगवा सकते हैं। ऐसे लोग हाईरिस्क ग्रुप में आते हैं। अन्य बीमारियों की दवाएँ खाने वाले लोगों पर वैक्सीन गलत प्रभाव नहीं डालेगी। 


प्रश्न- क्या सभी को टीका देना अनिवार्य होगा?


उत्तर- जी हां। मैंने पहले भी बताया आपको। कोरोना से लड़ने के लिए हमें पोलियो की तरह लड़ना होगा। इस वक्त कोरोना का जोर कुछ हल्का पड़ा है, फिर भी हमें सतर्कता बरतनी होगी। फिलहाल ये फैसला सरकार टीके के पहले-दूसरे चरण के बाद वैक्सीन की उपलब्धता को देखते हुए लेगी। वैक्सीन कम पड़ती है तो और बनने के लिए ऑर्डर दिया जाएगा। इसके लिए दोनों टीका निर्माता कंपनी तैयार हैं। कोरोना वायरस वैक्सीन लगवाना वालंटरी है। हालांकि कोरोना वायरस वैक्सीन का शेड्यूल पूरा लेने की सलाह दी जाती है।


प्रश्न- टीका कितनी बार लगवाना होगा?  


उत्तर- इस विषय पर हमें विशेष ध्यान देना होगा। देखिए, टीके के मुख्यतः दो डोज होंगे। पहली लेने के 28 दिन के बाद लेने की आवश्यकता होगी। दोनों टीका लगवाना अनिवार्य होगा। वरना, असर नहीं होगा। क्योंकि कोरोना वायरस का दूसरा डोज लेने के दो हफ्ते बाद आमतौर पर शरीर में सुरक्षात्मक एंटीबॉडी विकसित हो जाती है। इसलिए जरूरी होगा कि किसी एक वैक्सीन का टीका लगवाने के बाद शेड्यूल पूरा किया जाए।

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प्रश्न- टीके के साइड इफेक्ट होने की कुछ ख़बरें आई हैं? 


उत्तर- ऐसी कोई ख़बरें प्रामाणिक नहीं हुई हैं। वैसे, कोरोना वैक्सीन से साइड इफेक्ट नहीं होगा। अगर होता भी है तो उसके दूसरे कारण रहेंगे। आमतौर पर बुखार में ली जाने वाली टैबलेट क्रोसीन से भी साइड इफेक्ट हो जाता है। बुखार और शरीर में हल्का दर्द होने लगता है। फिर भी केंद्र सरकार ने ऐसे हालातों से निपटने के लिए राज्य सरकारों को सतर्क रहने को कहा है। वैसे, ड्रग रेगुलेटर ने वैक्सीन के क्लिनिकल डाटा का परीक्षण किया और गहन अध्ययन के बाद कंपनी को आपात स्थिति में इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी गई।


प्रश्न- टीका लगवाने के लिए सरकार की ओर क्या गाइड लाइन दी गई हैं?


उत्तर- शुरू में वैक्सीन को लक्षित समूहों को दिया जायेगा। लोगों के फोनों में बाक़ायदा मैसेज आएगा, जिसके जरिए उन्हें टीका सेंटर और समय की जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी। लेकिन यह प्रक्रिया रजिस्ट्रेशन से होगी। सेंटर में पहले अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। बिना पंजीकरण के टीका नहीं लगाया जाएगा। अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीज़ों को अस्पताल से ही टीका मुहैया कराया जाएगा। आम लोगों को टीके के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, हेल्थ इंश्योरेंस स्मार्ट कार्ड, पैन कार्ड, पास बुक, पासपोर्ट, सर्विस आईडी कार्ड या वोटर कार्ड दिखाना होगा। जिनके पास ये कागज नहीं होंगे, उनका वेरिफिकेशन किया जाएगा। सरकार की तरफ से जानकारियाँ फोनों पर एसएमएस से मिलती रहेंगी। एक क्यूआर कोड दिया जाएगा, जिसे टीका सेंटर पर दिखाना होगा। क्योंकि उस कोड से टीका एक्सिस होगा। 


प्रश्न- एक वर्ग ऐसा है जिसमें भ्रम की स्थिति है?


उत्तर- अल्पसंख्यकों की बात कर रहे हैं आप शायद। देखिए, उन्होंने पोलियो के वक्त भी विरोध किया था। अंततः उन्होंने अपनाया और फ़ायदों का लाभ भी उठाया। कुछ राजनेताओं ने भी आपत्ति जताई है। समझ में नहीं आता दवाईंयों में भी लोग राजनीति खोजने लगते हैं। वैक्सीन पूर्ण रूप से सुरक्षित है। सभी लगवाएं और कोरोना से मुक्ति पाएं।


-जैसा डॉ रमेश ठाकुर के साथ बातचीत में एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा। 


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