अग्निपथ स्कीम: रक्षा राज्य मंत्री का बयान, हमारे युवाओं को मिल रहा स्वर्णिम भविष्य बनाने का मौका

By अंकित सिंह | Jun 19, 2022

सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना का एक ओर जबरदस्त तरीके से विरोध हो रहा है। तो दूसरी ओर रक्षा मंत्रालय और उससे जुड़े अधिकारियों ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सारी जानकारी दे दी है। इन सबके बीच केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट का बयान सामने आ गया है। अजय भट्ट ने अग्निपथ योजना को युवाओं के लिए बेहतर बताया है। रक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि स्वर्णिम भविष्य बनाने का मौका हमारे युवाओं को मिल रहा है। अगर आपको योजना के बारे में कमी लगती है तो आप हमें बताएं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह कौन सा तरीका है, बसें, ट्रेनें जला रहे हैं, राष्ट्रीय संपत्ति को नुक़सान हो रहा है। ऐसे में तो कई जगह दिक़्कतें आएंगी। 

 

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अजय भट्ट ने आगे कहा कि विपक्ष को ज़िम्मेदारी के साथ बोलना चाहिए, उन्हें गैरज़िम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए। राष्ट्रीय संपत्ति सभी की है, उसके लिए हम सभी टैक्स देते हैं। अच्छी योजना आ रही है। सभी विभाग लेने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि कुछ गलतफहमियां थीं, वह भी दूर हो गई है, इसके बाद भी अपनी बात पर अड़े रहने यह अच्छी बात नहीं है। मैं युवाओं से अपील करूंगा यह जो सुनहरा अवसर आया है, उसे अपने हाथों से जाने न दे। भविष्य उज्जवल है। आगे कोई दिक़्कत आने वाली नहीं है। वहीं, दूसरी ओर रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने अग्निपथ भर्ती योजना पर कहा कि हम सशस्त्र बलों के उम्र संबंधी प्रोफाइल को घटाने के लिए यह सुधार ला रहे हैं।

 

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सरकारी अधिकारी ने कहा कि हर साल करीब 17,600 कर्मी समय पूर्व सेवानिवृत्ति लेते हैं, ऐसा नहीं है कि अग्निपथ योजना के तहत ही लोग (सेना से) बाहर आएंगे। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों की बढ़ती उम्र का कारक चिंताजनक, यहां तक कि कारगिल समीक्षा समिति ने भी इस बारे में बात की थी। रक्षा मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक ‘अग्निवीरों’ की सेवा शर्तें नियमित सैनिकों के जैसी ही होंगी। वायुसेना 24 जून को अग्निपथ योजना के तहत पंजीकरण प्रक्रिया शुरू करेगी, ऑनलाइन परीक्षा प्रक्रिया 24 जुलाई को प्रारंभ होगी। सेना की ओर से साफ तौर पर कहा गया है कि हम सेना में युवाओं को ज्यादा शामिल करना चाहते हैं ताकि सेना की औसत उम्र 32 साल से कम होकर 26 साल की जा सके। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया कि इस योजना पर 1989 से विचार चल रहा था। उन्होंने यह भी साफ कह दिया है कि योजना वापस नहीं ली जाएगी। 

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