राजस्थान के बाद अब पंजाब कांग्रेस में कलह, कैप्टन पर हमलावर हुए पार्टी के दो सांसद

By अंकित सिंह | Aug 08, 2020

कांग्रेस के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। मध्य प्रदेश, राजस्थान के बाद अब पंजाब में भी पार्टी आंतरिक कलह की समस्या से जूझ रही है। पंजाब कांग्रेस में सुपर फाइट देखने को मिल रही है। पार्टी के दो सांसद प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह ढुलो ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। पंजाब में जहरीली शराब मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग को लेकर भाजपा और ढुलो मुख्यमंत्री पर हमलावर हैं। इसके बाद मामला यह हो गया है कि पंजाब के मंत्री बाजवा और ढुलो के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। जहां मंत्री दोनों सांसदों के निष्कासन की मांग कर रहे हैं तो वहीं भाजपा और दलों के तेवर भी नरम नहीं पड़ रहे हैं। ऐसे में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए चुनौतियां काफी बढ़ गई है।

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पंजाब के सियासी उथल-पुथल को देखते हुए अब कई सवाल उठने लगे है। क्या कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा पंजाब में सचिन पायलट या ज्योतिरादित्य सिंधिया साबित होंगे? क्या भाजपा पंजाब में भी बात करने में कामयाब हो पाएगी जो उसने मध्यप्रदेश और राजस्थान में कर दिखाएं। जो भी हो लेकिन पंजाब कांग्रेस के आंतरिक कलह का असर जनता पर पड़ रहा है। जहरीली शराब कांड को लेकर अमरिंदर सिंह की सरकार भीतरी और बाहरी हमले भी झेल रही है। कांग्रेस के लोग लगातार सफाई दे रहे है। विपक्ष कैप्टन पर हमलावर है। ऐसे में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ही नहीं सभी मंत्री विपक्ष के हमलों का जवाब दे रहे है। पर उसका क्या जो खुद पार्टी के भीतर से सवाल उठ रहे हैं।

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पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ कांग्रेस के दो राज्यसभा सदस्यों प्रताप सिंह बाजवा तथा शमशेर सिंह ढुलो के मोर्चा खोलने के बाद उठे विवाद के बीच बाजवा ने कहा कि अगर राज्य में पार्टी को बचाना है तो अमरिंदर और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ को उनके पदों से हटाना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर पार्टी आलाकमान ऐसा निर्णय नहीं लेता है तो कांग्रेस का पंजाब में वही हाल होगा जो सिद्धार्थ शंकर राय (पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री) के बाद पश्चिम बंगाल में हुआ। दूसरी तरफ, पार्टी की प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी ने शुक्रवार को कहा कि इन दोनों सांसदों के मामले में कोई भी निर्णय एके एंटनी की अध्यक्षता वाली अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति करेगी। पार्टी की ओर से कार्रवाई की तैयारी के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बाजवा ने कहा कि 113 लोगों की जान चली गई। हमने लोगों की आवाज उठाई है। हम कांग्रेस और पंजाब की भलाई के लिए ऐसा कर रहे हैं। इस सरकार की बहुत बदनामी हो रही है। उन्होंने कहा कि हम नशे को खत्म करने के वादे के साथ सत्ता में आए थे। लेकिन अब तक क्या कार्रवाई की गई? इस बारे में हमने आलाकमान को भी अवगत कराया, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। 

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बाजवा ने कहा कि अगर पार्टी मुझे और ढुलो को बाहर करती है तो यह शरीर से दिल निकालने की तरह होगा। उन्होंने कहा कि पंजाब में कांग्रेस को बचाने के लिए अमरिंदर सिंह और सुनील जाखड़ को हटाया जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो अमरिंदर सिंह कांग्रेस का वो हाल करेंगे जो सिद्धार्थ शंकर राय ने पश्चिम बंगाल में किया था। बंगाल में कांग्रेस कई दशकों से सत्ता से बाहर है। यह पूछे जाने पर कार्रवाई की स्थिति में उनका अगला कदम क्या होगा तो बाजवा ने कहा जब ऐसा होगा तो उस वक्त कोई बात करूंगा। मैं हमेशा से कांग्रेसी हूं। मेरे परिवार का बलिदान का इतिहास है। राहुल गांधी मेरे नेता हैं। मैं आज भी राहुल गांधी का करीबी हूं। इस विवाद के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस की पंजाब प्रभारी आशा कुमारी ने कहा दोनों (बाजवा और ढुलो) ही सांसद हैं। कांग्रेस में एक संवैधानिक व्यवस्था है। इनके संदर्भ में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसके बाद एके एंटनी की अगुवाई वाली समिति कोई निर्णय करेगी।

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