बहुत ज्यादा मुश्किल होता है महान लोगों से मिलना, मिल जाएं तो गनीमत लेकिन कुछ बातें करना तो पूरी तरह से असंभव होता है। उनकी प्रसिद्धि उन्हें तेज़ी से महान बना रही होती है इस महानता के कारण भी उनके पास समय बहुत कम रहता है। महान व्यक्ति यदि प्रसिद्ध हो जाए तो और मुश्किल होती है। महानता और प्रसिद्धि मिलकर अगर अनगिनत वस्तुओं का विज्ञापन कर रहे हों यानी चीज़ें बेच रहे हों तो उनसे मिलना दिलचस्प होता है। एक बार ख़्वाब में, हमने उनसे मुलाक़ात कर ली, ख़्वाब था इसलिए आराम से बात भी कर ली। अब यह तो सभी जानते हैं कि ख़्वाब में ही सब मुमकिन है।
हमने उनसे सवाल कम किए लेकिन उन्होंने ज़वाब दिल खोलकर दिए। यहां सिर्फ ज़वाब पेश हैं। उन्होंने कहा कि हम कलाकार हैं, हमारा कर्तव्य किसी भी तरह समाज की सेवा करना है। कलाकार ही समाज में बदलाव लाते हैं। हमारा मुख्य कर्तव्य विज्ञापन के माध्यम से समाज सेवा करना है। समाज सेवा करना तो वैसे भी महान कार्य माना जाता है। हमारा सबसे महत्वपूर्ण मुख्य सामाजिक कर्तव्य, विज्ञापन फ़िल्में करना है। इस बहाने हम हमेशा चर्चा में भी रहते हैं । जीवन में इतना पैसा जुटाना बहुत ज़रूरी है कि पता न चले कि कितना पैसा कमाया है। उसे उचित तरीके से निवेश करना उससे ज्यादा ज़रूरी है। वो ज़माना चला गया जब ज्यादा पैसा और प्रसिद्धि हज़म और मैनेज नहीं होती थी। अब तो हर चीज़ और काम के विशेषज्ञ हाज़िर हैं। भुगतान करो और प्रबंधन हो जाता है। ज़्यादा पैसा दो तो अपना सब फिट दूसरे का अनफिट करवा सकते हैं।
उन्होंने अपनी बात को शहद में डुबो कर कहा, नकली मीठा बोलना बहुत ज़रूरी है। बगल में छूरी और मुंह में..... हम तो पूरा पैसा इसी के बल पर कमाते हैं। हमसे जो चाहे करवा लो। ठीक है, हम मन पसंद खा नहीं सकते, मन पसंद पहन तो सकते हैं। हां, हम पूरे नंगे नहीं हो सकते। शरीर के कुछ हिस्से दिखा सकते हैं। वैसे तो आजकल का ट्रेंड यही है सारे हिस्से दिखाते रहो और कमाते रहो। हम किसी के खिलाफ नहीं बोलते हमें ऐसा करने की ज़रूरत भी क्या है। किसी को भी खत्म करने बारे सोचने की हमें ज़रूरत क्या है। यह सब राजनीति के फंडे हैं। हमने क्या लेना। हमने तो विज्ञापन कर समाज की भलाई के लिए काम करना है और हम अपना कर्तव्य निष्ठापूर्वक निभा रहे हैं।
हमें क्या करना चाहिए या क्या नहीं करना चाहिए, इस बारे हम ज़्यादा नहीं सोचते इसके लिए हमने विशेषज्ञ रखे हुए हैं। वैसे कुछ काम जो हमें प्रसिद्ध व्यक्ति होने के कारण करने ही चाहिए वो हम नहीं करते, जैसे शासकों की नीतियों के खिलाफ या प्रशासकों के अनुचित क्रियान्वन के बारे कहना। हम चाहें तो बोलकर माहौल में हलचल ला सकते हैं और हमारी महानता में बढ़ोतरी भी हो सकती है। लेकिन हमें समझाया गया है कि जो भी बोलना है, सोच समझ कर बोलना है जिससे हमारी इमेज स्वच्छ, साफ़ और बढ़िया बने। जीवन में ‘टैनजिबल एसेट्स’ का भी बहुत फायदा होता है।
हमने ज्योतिषीय नक्षत्रों के हिसाब से अपना काम करना है। स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखना है। अपना काम करते रहना हमारा कर्तव्य है। हमने अपनी प्रतिभा का पूरा फायदा उठाना है ताकि बाज़ार का जितना शोषण हो सके कर लिया जाए। हमारा कर्तव्य समाज सुधार का नहीं है। आप हमें किसी भी चीज़ का विज्ञापन दिलवा दो, हम उसे करके रहेंगे। यही हमारा परम कर्तव्य है।
- संतोष उत्सुक