By रितिका कमठान | Oct 31, 2022
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में देव दीपावली के भव्य आयोजन को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। देव दीपावली के शुभ मौके पर गंगा नदी में लाखों दीये जलाए जाएंगे, जिनकी जगमगाहट देखने के लिए पर्यटक दुनिया भर से वाराणसी पहुचेंगे। इस वर्ष देव दीपावली का पर्व सा नवंबर को मनाया जाएगा, जिसे लेकर तैयारियां जोरो पर है।
चलेंगी मोटर बोट
देव दीपावली से पहले गंगा में पानी का स्तर कम हो गया है, जिसके बाद नाव संचालक मोटर बोट भी चला सकेंगे। देव दीपावली को लेकर नाव संचालकों के पास पर्यटकों के धडल्ले से फोन आ रहे है। माना जा रहा है कि बड़ी संख्या में पर्यटक काशी के अर्धचंद्राकार घाटों को देख सकेंगे।
एडवांस बुकिंग हुई शुरू
देव दीपावली पर्व के आयोजन को लेकर भी नाव बुकिंग के लिए पर्यटकों की बड़ी मांग आ रही है। बुकिंग का काम तेजी से जारी है। बुकिंग होने से जहां नाविकों को अच्छा काम होने की उम्मीद है वहीं दूसरी ओर पर्यटन के लिहाज से भी ये अच्छा है।
पर्यटकों के लिए खास इंतजाम
घाटों और गंगा नदी में चलने वाली नावों पर हजारों लाखों की संख्या में लोग उपस्थित होंगे। इस खास मौके पर किसी तरह का हादसा ना हो ये सुनिश्चित करने के लिए इस बार नावों के संचालन के लिए दो लेन बनेंगे। नाव चालकों को सीमित संख्या में ही नावों में पर्यटक बैठाने होंगे। नाविकों को यात्रियों की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान देना होगा। नावों में पर्यटकों के लिए लाइफ जैकेट और लाइफ सेविंग ट्यूब भी रखी जाएगी। नाविकों को निर्देश दिए गए हैं कि देव दीपावली से पहले ही अपनी नावों की मरम्मत भी करवाएं ताकि किसी हादसे की संभावना ना रहे। सीमित संख्या से अधिक पर्यटक बैठाने की सूरत में नाव चालकों पर सख्ती से कार्रवाई होगी। वहीं सुरक्षा को लेकर जल पुलिस, एनडीआरएफ, पीएसी के फ्लड यूनिट को भी तैनात किया जाएगा।
नाविकों की परेशानी हुई कम
जानकारी के मुताबिक बीते तीन महीनों से स्थानीय प्रशासन द्वारा गंगा नदी में नाव संचालन पर प्रतिबंध लगाया गया है, जिस कारण नाव संचालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। नाव संचालक बेरोजगार थे और उनके सामने आजीविका का संकट पैदा हो गया था। वहीं देव दीपावली के मौके पर नाव संचालन की सुविधा शुरू होने पर संचालकों को आर्थिक लाभ होगा, जिससे उनकी आजीविका फिर पटरी पर लौट सकेगी। वहीं नाव संचालन शुरू होने से देव दीपावली से पहले भी पर्यटक नाव में घूम सकेंगे, जिससे पर्यटकों को भी राहत मिलेगी। गौरतलब है कि गंगा के घाटों पर नाव में गंगा की सैर करना एक अलग ही अनुभव होता है, जिसे पर्यटक जरुर अनुभव करना चाहते है।