By अंकित सिंह | Mar 22, 2023
अडानी मुद्दे को लेकर विपक्ष जबरदस्त तरीके से सरकार पर हमलवार है। कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर जेपीसी की मांग कर रहे हैं। इसी को लेकर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने एक संवाददाता सम्मेलन किया है। अपने बयान में कांग्रेस नेता ने कहा कि जेपीसी का गठन 1992 में हुआ था जब कांग्रेस सरकार सत्ता में थी, इसका गठन 2001 में वाजपेयी सरकार के दौरान भी हुआ था। दोनों शेयर बाजार घोटाले थे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह घोटाला केवल शेयर बाजार तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह पीएम मोदी और सरकार की नीतियों और इरादों से भी जुड़ा है। रमेश ने कहा कि हम यह नहीं कह रहे हैं कि 'अदानी जी चुप्पी तोडिये'। हम कह रहे हैं 'मोदी जी चुप्पी तोडिय़े।'
कांग्रेस सांसद ने कहा कि अडानी मामले में जांच के लिए जिस समिति का गठन हुआ है वे अडानी से सवाल करेंगे। उन्होंने कहा कि हम जो सवाल कर रहे हैं वे प्रधानमंत्री से कर रहे हैं। ये सवाल सुप्रीम कोर्ट की समिति नहीं करेगी, उनकी हिम्मत भी नहीं होगी। ये सिर्फ JPC में ही उठाया जा सकता है। आपको बता दें कि संसद में यह मद्दा काफी गर्म है। इस मुद्दे को लेकर संसद में खूब हंगामा भी हो रहा है। मंगलवार को कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने अडाणी समूह के मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग करते हुए संसद भवन की पहली मंजिल के गलियारे में प्रदर्शन किया था।
इससे पहले पार्टी के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि ‘शाह और शहंशाह’ को समझ लेना चाहिए कि वह दोनों लोकतंत्र के किरायेदार हैं, मकान मालिक नहीं हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि यह बात शाह और शहंशाह दोनों जानते हैं कि राहुल गांधी माफी नहीं मांगेंगे...आप दोनों लोकतंत्र के किरायेदार हैं, मकान मालिक नहीं हैं। आप अपने आप को किरायेदार मानकर चलिए, मकान मालिक बनने की कोशिश मत करिये।’’