By अनन्या मिश्रा | Nov 11, 2024
हालांकि इसका इलाज भी संभव है, लेकिन इस समस्या से राहत पाने के लिए आपको एक हेल्दी लाइफस्टाइल, हेल्दी डाइट और सही स्किन केयर रूटीन फॉलो करने की जरूरत होती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से सोने और जागने का समय आपकी स्किन को प्रभावित कर सकता है।
स्लीप पैटर्न का स्किन पर असर
नींद और हार्मोन
बता दें कि जब नींद असंतुलित होती है, तो यह तनाव हार्मोन कोर्टिसोल के लेवल को बढ़ाती है। कोर्टिसोल की बढ़ती मात्रा होने से स्किन में सूजन और तेल उत्पादन को बढ़ा देती है। जिसकी वजह से पिंपल्स की समस्या बढ़ जाती है। कोर्टिसोल का हाई लेवल ना सिर्फ सूजन को बढ़ाता है, बल्कि यह स्किन की रिपेयरिंग प्रोसेस को भी प्रभावित करता है। कोर्टिसोल लेवल की वजह से होने वाली सूजन पिंपल्स ही नहीं बल्कि अन्य स्किन समस्याओं जैसे रेडनेस, एक्ने और संवेदनशीलता को बढ़ा देती है।
कमजोर इम्यून सिस्टम
नींद का हमारे इम्यून सिस्टम पर भी गहरा प्रभाव होता है। जब आप अच्छे से सो नहीं पाते हैं, तो आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। इससे शरीर की पिंपल्स को कम करने या ठीक करने की प्राकृतिक क्षमता बाधित होती है। वहीं कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण स्किन इंफेक्शन का शिकार हो जाती है और पिपंल्स की समस्या बढ़ जाती है।
जानिए एक्टिव लाइफस्टाइल के फायदे
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक केवल क्रीम या दवाओं में पिंपल्स का समाधान नहीं है। इसलिए जरूरी है कि आप अपनी लाइफस्टाइल में एक्टिव बदलाव करें। आप अपनी लाइफस्टाइल में बैलेंस डाइट, स्ट्रेस मैनेजमेंट और एक्सरसाइज आदि शामिल करें, क्योंकि यह आपकी स्किन की सेहत के लिए जरूरी है। वहीं रोजाना एक्सरसाइज करने से आपके ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है और आपकी त्वचा हेल्दी रहती है।
सोने के लिए क्या करें
बता दें कि हर दिन एक ही समय पर सोने और जागने की कोशिश करें। इससे आपकी बॉडी की आंतरिक घड़ी सही रहती है।
वहीं अच्छी नींद के लिए स्क्रीम टाइम कम करें और आप चाहें तो सोने से पहले एक किताब पढ़ सकते हैं या फिर ध्यान कर सकते हैं।
अच्छी और गहरी नींद पाने के लिए शांत और आरामदायक स्थान चुनें। इससे आपको अच्छी नींद आएगी।
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, जिससे आपका शरीर हाइड्रेट रहे। क्योंकि पानी पीने से स्किन की नमी बनी रहती है।