वास्तु शास्त्र जीवन का वह हिस्सा है जिसका उपयोग हर कोई लगातार कर रहा है। जब आप एक नया घर खरीद रहे हो, तब वास्तु शास्त्र ही आपकी तमाम उलझनों को सुलझाता है कि किस-किस दिशा में क्या होना चाहिए, ताकि आपके नए घर में, आपके परिवार में सब कुछ शुभ होना आरंभ हो जाए, इसलिए आपके लिए लाए है कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां-
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- नया घर खरीदते समय इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि सूरज की किरणों का प्रवेश बना हो, वास्तु शास्त्र के अनुसार जिस घर में सूरज की रोशनी नहीं आती वह परिवार के लोग अस्वस्थ महसूस करते हैं।
- घर में चारों तरफ वेंटिलेशन का आना हो, ताकि स्वच्छ वायु आपके परिवार व आपके घर में ताज़गी पहुंचायें।
- मूलांक नंबर का और आपके घर का नम्बर मिलता जुलता होना भी शुभता को न्योता देता है।
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- गृह प्रवेश की पूजा का सर्वश्रेष्ठ समय प्रातःकाल बेहद शुभ होता है।
- घर के मुख्य दरवाजे का रंग काला ना हो, इससे बुरी शक्तियां घर मे आसानी से प्रवेश कर जाती है।
- वास्तु शास्त्र में रंगों का महत्व भी रहता है घर के रंगों का चयन खिलखिलाता हुआ होना चाहिए, गहरे रंगों से बचे।
- ईशान कोण में घर का मंदिर होना शुभ होता है कभी भी इस दिशा में रसोईघर ना बनायें।
- वास्तु शास्त्रों के अनुसार घर का बाथरूम बीचों बीच ना हो, इस बात का मुख्य तौर से ध्यान दें।
- घर के मेनगेट के सामने सीढ़ियां ना बनी हो,यदि ऐसा होता है तो इसे घर मे दुर्भाग्य का योग उछागर होता है तथा तरक्की के क्षेत्र में बांधा आती है।
- मेनगेट पर गणेश जी की छोटी तस्वीर लगाए, साथ ही शुभ-लाभ लिखा होना कारगार साबित हुआ है।
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- वास्तु शास्त्र में ये भी कहा गया है कि घर के बाथरूम का दरवाजा बंद रखे या इसके दरवाज़े पर शीशा लगा दें।
- घर की बालकनी की दिशा उत्तर या पूर्व में होना शुभ होता है।
- रसोईघर के रंग में सफेद व लाल रंग का प्रयोग करें, यह रंग शुभता का प्रतीक है।
- प्रकृति चौधरी