सिर्फ डिग्री बांटने के केंद्र बनकर न रह जाएं अकादमिक संस्थान: योगी आदित्यनाथ

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 20, 2022

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अकादमिक संस्थानों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता पर जोर देते हुए बुधवार को कहा कि ये संस्थान सिर्फ डिग्री बांटने के केंद्र बनकर न रह जाएं बल्कि समाज के प्रति अपनी जवाबदेही की पूर्ति भी करें। मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए कहा कि शिक्षकों की विद्यालय में उपस्थिति अनिवार्य रूप से हो और ‘प्रॉक्सी टीचर’ (तैनात शिक्षक के स्थान पर पढ़ा रहा कोई और व्यक्ति) के मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने स्कूली शिक्षा में निजी निवेश को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया और कहा कि निजी क्षेत्र के अनेक शैक्षणिक संस्थान सराहनीय कार्य कर रहे हैं। 

 

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आदित्यनाथ ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 समाज को स्वाबलम्बन और आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने में मददगार साबित होगी। इस नीति के प्रभावी होने से विद्यार्थी किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि उनका व्यावहारिक और तकनीकी ज्ञान भी समृद्ध होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में वर्तमान सत्र से स्नातक स्तर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रभावी कर दिया गया है और आगामी सत्र से परास्नातक स्तर पर भी इसे लागू किया जाए। उन्होंने प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों की राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) मान्यता की ताजा स्थिति की समीक्षा करते हुए सभी पात्र संस्थानों की तत्काल ‘नैक ग्रेडिंग’ कराये जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी 27,907 माध्यमिक विद्यालयों के लिए अलग-अलग वेब पोर्टल तैयार कराने के निर्देश देते हुए कहा कि पोर्टल पर कार्यरत शिक्षकों के बायोडाटा से लेकर छात्रों की संख्या, विषयों की उपलब्धता, परीक्षा परिणाम और इतिहास समेत विद्यालय से जुड़ी सारी जानकारी उपलब्ध हो। 

 

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योगी आदित्यनाथ ने माध्यमिक विद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए पाठ्यक्रम, मूल्यांकन एवं परीक्षा सुधार, शिक्षकों की क्षमता वृद्धि एवं शिक्षकों की नियुक्ति, कौशल उन्नयन की दिशा में और सुधार के लिए विशेष प्रयास की जरूरत बताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की 77.7 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, लिहाजा उन्नत भारत अभियान योजना के तहत अधिक से अधिक शिक्षण संस्थानों को ग्रामीण इलाकों से जोड़ना चाहिए तथा ग्राम्य विकास से संबंधित पाठ्यक्रमों के संचालन पर विशेष बल देना चाहिए। उन्होंने हर विकास खंड में पांच-छह विद्यालयों के लक्ष्य के साथ अगले चार वर्षों में 5,000 ‘अभ्युदय कम्पोजिट’ विद्यालयों की स्थापना कराने के निर्देश देते हुए कहा कि यह कार्य तेजी से किया जाए।

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