गुवाहाटी। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री
नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि
आत्मनिर्भर गांव ही छोटे और सीमांत किसानों को सशक्त बनाकर प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी के
आत्मनिर्भर भारत बनाने में मदद कर सकते हैं। तोमर ने मुख्यमंत्री समग्र ग्राम्य उन्नयन योजना (सीएमएसजीयूवाई) के तहत कृषि मशीनरी और उपकरण वितरित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाया जाना चाहिए और इसके लिए देश के छोटे किसानों और सीमांत किसानों पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि किसान तब ही लाभ कमा सकते हैं जब मूल्यवान उपज की ओर आकर्षित हों, नई प्रौद्योगिकी और बाजार से जुड़ें। उन्होंने कहा कि इस पर विचार करते हुए सरकार ने 10,000 किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाने का फैसला किया है, जिस पर 6,850 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और यह देश के किसानों के लिए फलदायी होगा।
मंत्री ने कहा कि आईसीएआर और किसानों के साथ मिलकर केंद्र और राज्य सरकारें 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में काम कर रही हैं। तोमर असम चुनावों में भाजपा के चुनाव प्रभारी हैं और वह बुधवार से राज्य में हैं। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत सरकार ने लगभग 1.50 लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष की घोषणा की है और किसान अपनी आय बढ़ाने के लिए इस निधि का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि असम की भूमि संसाधनों से भरी है और इसकी जलवायु और मिट्टी खेती के लिए उपयुक्त है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे मांगों को पूरा करने के लिए अपनी फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के प्रयास करें।
उन्होंने आगे कहा कि यह सरकार असम के किसानों के लिए प्रगति लाने और समावेशी विकास लाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो उन्हें एक आत्मनिर्भर भारत बनाने के लक्ष्य के लिए योगदान करने में सक्षम बनाएगी। उन्होंने लोगों और किसानों से अपने और देश के कल्याण के लिए कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए सामूहिक प्रयास करने की अपील की। केंद्रीय मंत्री ने केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को लागू करने के लिए अपने सभी प्रयासों को लगाने के लिए असम सरकार की सराहना की। राज्य के लाभार्थियों को कृषि मशीनरी और उपकरण शुक्रवार को वितरित किए गए जिनमें ट्रैक्टर, पावर टिलर आदि शामिल थे। दारंग जिले के खारुपेटिया में मंत्री द्वारा एक शीतगृह का उद्घाटन किया गया।