आम आदमी पार्टी ने राज्यपाल से विशेष सत्र बुलाकर कैप्टन अमरिंदर सिंह को बहुमत साबित करने के निर्देश देने की मांग की

By विजयेन्दर शर्मा | Aug 27, 2021

चंडीगढ। पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के नेताओं के बीच आने वाले चुनावों से पहले मचे घमासान के बीच आम आदमी पार्टी भी सरकार को घेरने से पहले कोई मौका गंवाना नहीं चाहती। आज आम आदमी पार्टी पंजाब के विधायकों ने पंजाब के राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर से मुलाकात कर कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार  अल्पमत में आ गई है। व राज्यपाल कैप्टन सरकार को बहुमत साबित करने के लिये विधानसभा का विशेष सत्र बुलायें।


शुक्रवार को राज्यपाल से मिलने गये आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा, विधायक अमरजीत सिंह संदोआ और जय सिंह रोड़ी के साथ जगतार सिंह संघेड़ा और मलविंदर सिंह कांग भी शामिल रहे।

 

इसे भी पढ़ें: पंजाब कैबिनेट ने ने उत्कृष्ट खिलाडिय़ों के लिए रोजग़ार का विशेष प्रबंध करने के लिए मार्ग प्रशस्त किया

 

आप विधायकों के इस प्रतिनिधिमंडल ने कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार के अल्पमत में होने का हवाला देते हुए राज्यपाल से पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर कैप्टन अमरिंदर सिंह को बहुमत साबित करने के निर्देश देने की मांग की । उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अगले सात दिनों में बहुमत साबित नहीं करते हैं तो मौजूदा सरकार को तत्काल भंग किया चाहिए।


राज्यपाल से मुलाकात के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए चीमा ने कहा कि अगर बागी कांग्रेसी पंजाब को बचाना चाहते हैं तो उन्हें देहरादून या दिल्ली जाने की जरूरत नहीं है, वे राजधानी में पंजाब राजभवन जाकर ही पंजाब को बचा सकते हैं। लेकिन इसके लिए उन्हें राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपकर कप्तान के खिलाफ विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाना होगा।


चीमा ने कहा कि पंजाब को बचाने के नाम पर अपने ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत करने वाले मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी और सुखबिंदर सिंह सरकारिया, विधायक तथा पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को अपना स्टैंड स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे पंजाब को बर्बाद करने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ हैं या पंजाब और पंजाबियों के साथ, क्योंकि हरीश रावत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे तथा 2022 का चुनाव भी कैप्टन के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।

 

 

इसे भी पढ़ें: पंजाब मंत्री मंडल द्वारा ग्राम सेवकों की मूलभूत शैक्षिक योग्यता को स्नातक करने के लिए नियमों में संशोधन को दी मंज़ूरी

 

चीमा के मुताबिक साढ़े चार साल कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अगुवाई में माफिया राज का हिस्सा रहे बागी मंत्रियों और विधायकों ने देर से सही लेकिन सही रुख अपनाया और स्वीकार किया है कि कैप्टन सरकार बेइंसाफ सरकार है,जोकि पंजाब की बदतर हालत तथा माफिया राज की लूट के लिए जिम्मेदार होने के साथ साथ चुनावी वादे पूरे करने में भी बुरी तरह विफल रही है। जय सिंह रोड़ी ने सवाल किया कि क्या बागी मंत्रियों तथा विधायकों को कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई मंजूर है? अगर उन्हें कैप्टन ही मंजूर हैं तो इस से साफ होता है कि वे सिर्फ और सिर्फ कुर्सी के लिए लड़ रहे हैं।


जय सिंह रोड़ी ने कहा कि अगर बागी मंत्री और विधायक कैप्टन सरकार से समर्थन वापस नहीं लेते हैं तो वे माफिया राज में शामिल होने का दाग धोने का आखिरी मौका भी खो देंगे। विधायक अमरजीत सिंह संदोआ ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों, विधायकों और पंजाब की जनता का विश्वास और समर्थन खो दिया है और वह अब मुख्यमंत्री बने रहने के लायक नहीं हैं।




प्रमुख खबरें

AAP के लोकलुभावन वादों का असर, मतदाता आवेदनों में 5.1 लाख की हुई बढ़ोतरी

उज्बेकिस्तान जा रह था रूसी विमान, अचानक हुई इमरजेंसी लैंडिंग, जानें वजह

Dandruff Treatment: डैंड्रफ की वजह से होना पड़ता है शर्मिंदा तो करें फिटकरी के ये उपाय, स्कैल्प की इचनेस होगी दूर

Nothing Phone (3a) जल्द होगा भारत में लॉन्च, मिलेगा अनोखा डिजाइन और कमाल के फीचर्स