By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 12, 2021
गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि 2016 से अब तक कुल 3,439 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) और नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोरोलैंड (एनडीएफबी) पर प्रतिबंध है जबकि कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (केएलओ) सक्रिय है। भाजपा विधायक बिस्वजीत फूकन के एक सवाल के जवाब में सरमा ने कहा कि इस साल छह जुलाई तक 1,306 हथियार, 20,722 विभिन्न गोला-बारूद, 89 बम, 599 ग्रेनेड और 121.72 किलोग्राम विस्फोटक जब्त किए गए हैं
इसके अलावा, 748 हथियार और 19,299 गोला-बारूद विद्रोहियों द्वारा जमा किए गए थे, जिन्होंने अधिकारियों के सामने इन्हें सौंप दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने हथियार छोड़ने वाले उग्रवादियों के पुनर्वास के लिए विशेष कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर उग्रवादियों की केंद्र की समर्पण-सह-पुनर्वास योजना के तहत, हर महीने 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता के साथ-साथ 4 लाख रुपये की सावधि जमा राशि दी जाती है।
सरमा ने कहा कि बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) के बाहर के जिलों में ऐसे एनडीएफबी उग्रवादियों के लिए भी इसी तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की योजना बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार वर्तमान में उल्फा (वार्ता समर्थक), कुकी रिवोल्यूशनरी आर्मी (केआरए), यूनाइटेड कुकीगाम डिफेंस आर्मी (यूकेडीए), हमार पीपुल्स कन्वेंशन- डेमोक्रेटिक (एचपीसी-डी), आदिवासी पीपुल्स आर्मी (एपीए) और ऑल आदिवासी नेशनल लिबरेशन आर्मी (एएएनएलए) सहित 11 उग्रवादी संगठनों के साथ बातचीत कर रही है।