एक विवाह ऐसा भी! संविधान को साक्षी मानकर सात फेरों में बंधे वर-वधू

By अंकित सिंह | Apr 29, 2020

पूरा देश कोरोना वायरस से जूझ रहा है। इस कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए पूरे देश में लॉक डाउन है। लॉक डाउन के कारण कोई भी सामाजिक कार्य नहीं हो पा रहा है। भारत में अप्रैल-मई का महीना शादियों का मौसम होता है। ऐसे में इस साल भी देश में कई लोगों की शादी होने वाले होंगे लेकिन कोरोना के कारण उनकी शादी अधर में पड़ गई है। ऐसा नहीं है कि लॉक डाउन के कारण देश में शादियां नहीं हो रही है, शादियां हो रही हैं लेकिन बिल्कुल ना के बराबर यानी कि बेहद ही कम संख्या में। जो शादियां हो रही हैं उसमें 10 से 15 लोग ही उपस्थित हो पा रहे हैं। शादी समारोह बिल्कुल सादगी वाला रहता है, ज्यादा चहल-पहल दिखाई नहीं देती, ना ढोल-ताशे बजे और ना ही डीजे। वर और कन्या सात फेरे लेते हैं और शादी की रस्में पूरी करते हैं।

 

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देश में शादियों की ऐसी कई तस्वीरें आई जिसमें वर और कन्या मास्क पहनकर परिणय सूत्र में बंध रहे हैं जो लोगों को हैरान भी करते हैं और जागरूक भी करते हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले में एक ऐसी शादी हुई है जिससे हम सब को गर्व होगा। दरअसल, मामला जेवर के दयानतपुर गांव में रहने वाले विनोद की शादी लखनावली गांव के प्रिया के संग सादगी से संपन्न हुई। लेकिन इस शादी में सबसे खास बात यह रही कि वर और कन्या ने भारत के संविधान को साक्षी मानकर वैवाहिक जीवन में प्रवेश किया। शायद इस देश में ऐसा हम पहली बार देख रहे हैं। संविधान को साक्षी मानकर या तो नेता शपथ लेते हैं या फिर सरकारी अधिकारी लेकिन निजी जीवन में संविधान को साक्षी मानकर अगर कोई शादी कर रहा है तो वाकई यह गर्व करने वाली बात है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है और किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए वहां का संविधान सबसे बड़ा होता है।

 

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आपको बता दें कि दोनों का विवाह पहले 4 अप्रैल को तय किया गया था लेकिन लॉक डाउन बढ़ने के कारण इसे टाल दिया गया था लेकिन जब लॉग डाउन बढ़ा तो उन्होंने अपनी शादी को करने का फैसला किया। यह शादी बिना दहेज के हुई है। शादी के लिए दयानतपुर के रहने वाले दीपचंद अपने अपने बेटे विनोद के संग 5 लोगों के साथ लखनवाली गांव के हीरालाल के घर आए थे। यही विनोद और प्रिया की शादी संपन्न हुई। हीरालाल ने गर्व से बताते हुए कहा कि उन्होंने लॉक डाउन के नियमों का संपूर्ण पालन किया। वर-वधु ने संविधान को साक्षी मानकर संकल्प लिया और दोनों ने ही संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा। कार्यक्रम में शामिल सभी लोगों के हाथ सैनिटाइजर से साफ कराए गए। सभी लोगों ने मास्क लगा रखे थे। वर और वधु पक्ष दोनों ने ही मास्क और सैनिटाइजर का बंदोबस्त किया था। विवाह में सिर्फ 10 लोग ही शामिल हुए थे।

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