By अभिनय आकाश | Jul 10, 2021
राजस्थान में लगातार बढ़ती रेप की वारदात के चलते कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे हैं। ताजा वारदात की घटना अलवर जिले के रामगढ़ से सामने आई जहां नाबालिग लड़की का पहले तो अपहरण किया गया फिर रेप की वारदात को अंजाम दिया गया। इतना ही नहीं पीड़ित परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी गई। राजस्थान में ये वारदात ऐसे वक्त में अंजाम दी गई जब पहले ही राज्य का सिस्टम इस तरह की घटनाओं से सहमा हुआ है।
30 दिनों में 561 मामले आए
जनवरी से जून तक छह माह में प्रदेश में दुष्कर्म की 30 प्रतिशत वारदातें बढ़ गई हैं। ये तो वे मामले हैं जो पुलिस थानों में रजिस्टर्ड हुए हैं। जून में हर दिन दुष्कर्म के 561 केस रजिस्टर्ड हुए हैं। अपहरण के मामलों में भी गत वर्ष की बजाय 37 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार 6 महीने के अन्दर प्रदेश में रिकॉर्ड एक लाख 521 मामले दर्ज हुए हैं। यानि औसतन प्रतिदिन प्रदेश में 559 मामले दर्ज हुए है। हालांकि पुलिस ने जांच में 18,153 मामले झूठे माने है।
छह महीने में 3022 अपराधिक मामले दर्ज
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस साल सिर्फ 6 महीनों में प्रदेश के थानों में 3022 अपराधिक मामले दर्ज हुए हैं। जिन पर पुलिस ने जांच के बाद 767 केसों पर एफआईआर दर्ज की है। इसमें से अधिकतर मामलों को पुलिस ने झूठा करारा दिया है। सिर्फ 1025 केस में ही आरोप प्रमाणित कर चालाल पेश किया है। बाकी मामलों तक तो पुलिस पहुंची ही नहीं पाई है। यानि 27 प्रतिशत मामलों को गलत माना है।
राजस्थान में चलता है अंधा कानून
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने राजस्थान में बदतर होती कानून व्यवस्था पर अशोक गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि देश के अंदर देश का कानून चलता है लेकिन राजस्थान में अंधा कानून चलता है। 2019-2020 के अपराध के आंकड़ों में दुर्भाग्य से राजस्थान पहले स्थान पर है। महिलाओं पर अपराध में राजस्थान पहले स्थान पर है, दलितों पर अपराध में राजस्थान दूसरे से पहले स्थान पर जा रहा है: राजस्थान की सरकार का एक ही लक्ष्य है सत्ता में बने रहना और उसी के कारण ये हो रहा है। राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में कानून-व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब है, सरकार और पुलिस की बजाए लोग खुद अपने आप को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले 15 दिनों में अकेले अलवर ज़िले में 7 सामूहिक बलात्कार हुए हैं। प्रदेश में अपहरण के मामलों का ग्राफ भी इतनी ही तेजी से बढ़ा है. पिछले साल की तुलना में अपहरण के मामले इस साल 37 प्रतिक्षत बढ़े हैं।