जीएसटी के तहत पांच लाख कंपनियों ने एकमुश्त योजना का विकल्प चुना

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 31, 2017

सरकार ने आज कहा कि पांच लाख कंपनियों ने जीएसटी के तहत एकमुश्त योजना अपनायी है। इस योजना के तहत करदाताओं को रियायती दर पर कर भुगतान की अनुमति है और इसका अनुपालन आसान है। नई कर व्यवस्था के तहत 25 जुलाई तक करीब 71 लाख उत्पाद, सेवा कर तथा मूल्य वर्द्धित करदाता जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) से जुड़े। इसके अलावा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) नेटवर्क पर 12 लाख नयी इकाइयों के पंजीकरण हुए हैं।

राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने ट्विटर के जरिये दी जानकारी में कहा, ‘‘जीएसटी में एकमुश्त योजना का विकल्प 30 जुलाई तक 5.12 लाख लोगों ने चुना। इस योजना का विकल्प चुनने की अंतिम तारीख 16 अगस्त है।’’ एकमुश्त योजना उन छोटे करदाताओं को ध्यान में रखकर तैयार की गयी है जिनका कारोबार 75 लाख रुपये तक है। पूर्वोत्तर राज्यों तथा पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के लिये यह सीमा 50 लाख रुपये है। इसके पीछे मकसद सरलता लाना और छोटे करदाताओं के लिये अनुपालन लागत में कमी लाना है। यह योजना वैकल्पिक है। इसके तहत आइसक्रीम, पान मसाला और तंबाकू उत्पाद बनाने वालों को छोड़कर दूसरे विनिर्माताओं को अपने सालाना कारोबार 2 प्रतिशत कर देना होता है। रेस्तरां सेवाओं के लिये यह पांच प्रतिशत तथा व्यापारियों के लिये एक प्रतिशत है।

 

केंद्रीय जीएसटी कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति एक राज्य से दूसरे राज्य में माल की आपूर्ति नहीं करता है और इलेक्ट्रानिक वाणिज्यक परिचालक के जरिये वस्तुओं की आपूर्ति नहीं करता है, वह उक्त विकल्प चुन सकता है। ई-वाणिज्य के जरिये वस्तुओं की आपूर्ति के तहत स्रोत पर कर संग्रह की आवश्यकता होती है। नियमित करदाता को मासिक आधार पर कर देना होता है जबकि एकमुश्त योजना अपनाने वाले को तिमाही आधार पर रिटर्न भरने और कर भुगतान की छूट है। साथ ही एकमुश्त योजना का विकल्प चुनने वाले करदाता को सामान्य करदाताओं के मुकाबले विस्तृत रिकार्ड रखने की आवश्यकता नहीं है।

 

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