By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 04, 2022
नयी दिल्ली। राज्यसभा के लिए शुक्रवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित 41 उम्मीदवारों में कांग्रेस के पी. चिदंबरम और राजीव शुक्ला, भाजपा की सुमित्रा वाल्मीकि और कविता पाटीदार, कांग्रेस के पूर्व नेता कपिल सिब्बल, राष्ट्रीय जनता दल की मीसा भारती और राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी शामिल हैं। उत्तर प्रदेश में सभी 11, तमिलनाडु में छह, बिहार में पांच, आंध्र प्रदेश में चार, मध्य प्रदेश और ओडिशा में तीन-तीन, छत्तीसगढ़, पंजाब, तेलंगाना और झारखंड में दो-दो और उत्तराखंड में एक उम्मीदवार बिना किसी मुकाबले के निर्वाचित हुए।
निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये गए 41 उम्मीदवारों में से 14 भाजपा के, चार-चार कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस के हैं; द्रविड़ मुनेत्र कषगम और बीजू जनता दल के तीन-तीन; आम आदमी पार्टी, राजद, तेलंगाना राष्ट्र समिति, अन्नाद्रमुक के दो-दो, झामुमो, जद(यू), सपा और रालोद के एक-एक नेता तथा निर्दलीय कपिल सिब्बल शामिल हैं। पंद्रह राज्यों की 57 राज्यसभा सीट भरने के लिए 10 जून को चुनाव होने थे, जो जून और अगस्त के बीच अलग-अलग तारीखों पर सदस्यों के सेवानिवृत्त होने के कारण खाली हो जाएंगे। शुक्रवार को नामांकन पत्र वापस लेने की आखिरी तारीख थी। अब महाराष्ट्र की छह, राजस्थान और कर्नाटक की चार-चार और हरियाणा की दो सीट के लिए 10 जून कोचुनाव होंगे। उसी दिन परिणाम भी घोषित कर दिए जाएंगे। उत्तर प्रदेश में निर्वाचित घोषित 11 उम्मीदवारों में से भाजपा के आठ तथा समाजवादी पार्टी और रालोद के एक-एक तथा निर्दलीय सिब्बल हैं। राज्य के विजेता नेताओं में जयंत चौधरी (रालोद), जावेद अली खान (सपा), दर्शन सिंह, बाबू राम निषाद, मिथिलेश कुमार, राधा मोहन दल अग्रवाल, के. लक्ष्मण, लक्ष्मीकांत वाजपेयी, सुरेंद्र सिंह नागर, संगीता यादव (सभी भाजपा) शामिल हैं।
तमिलनाडु से सत्तारूढ़ द्रमुक के एस कल्याणसुंदरम, आर गिरिराजन और केआरएन राजेश कुमार, अन्नाद्रमुक के सी वी षणमुगम और आर धर्मर और कांग्रेस के चिदंबरम विजयी हुए हैं। उच्च सदन में, द्रमुक की 10 की मौजूदा ताकत अपरिवर्तित बनी रहेगी, लेकिन अन्नाद्रमुक का प्रतिनिधित्व पांच सदस्यों में घटकर चार सदस्यों का रह जाएगा।चिदंबरम के निर्वाचन के साथ ही, कांग्रेस पार्टी के पास लंबे अंतराल के बाद राज्यसभा में तमिलनाडु से एक सदस्य होगा। चिदंबरम 2016 में महाराष्ट्र से राज्यसभा के लिए चुने गए थे और उनका कार्यकाल चार जुलाई को समाप्त हो रहा है। बिहार के सभी पांच उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए, जिनमें मीसा भारती और फैयाज अहमद (राजद), सतीश चंद्र दुबे और शंभू शरण पटेल (भाजपा) और खीरू महतो (जेडीयू) शामिल हैं। राजद प्रमुख लालू प्रसाद की सबसे बड़ी बेटी भारती और दुबे लगातार दूसरी बार राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुए हैं।
आंध्र प्रदेश से सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के वी विजयसाई रेड्डी, बीडा मस्तान राव, आर कृष्णैया और एस निरंजन रेड्डी भी निर्विरोध चुने गए। इस जीत के साथ, वाईएसआरसी की ताकत अब राज्यसभा में बढ़कर नौ हो गई है, राज्य की 11 राज्यसभा सीट में से, तेलुगुदेशम पार्टी (तेदेपा) और भाजपा के पास एक-एकहै। विजयसाई लगातार दूसरी बार फिर से निर्वाचित हुए हैं। पंजाब में आप उम्मीदवार-प्रख्यात पर्यावरणविद् बलबीर सिंह सीचेवाल और उद्यमी-सामाजिक कार्यकर्ता विक्रमजीत सिंह साहनी को विजेता घोषित किया गया। पंजाब से अंबिका सोनी (कांग्रेस) और बलविंदर सिंह भुंडर (शिरोमणि अकाली दल) का कार्यकाल चार जुलाई को समाप्त हो रहा है। आप ने मार्च में पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह, राघव चड्ढा, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के संस्थापक अशोक मित्तल, आईआईटी, दिल्ली के पूर्व संकाय सदस्य संदीप पाठक और उद्योगपति संजीव अरोड़ा को राज्यसभा के लिए नामित किया था। ये सभी पंजाब से निर्विरोध चुने गए थे।
छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी शुक्ला और रंजीत रंजन निर्विरोध निर्वाचित हुए। विपक्षी भाजपा ने राज्य विधानसभा में अपनी कम ताकत को देखते हुए अपना उम्मीदवार नहीं उतारा। छत्तीसगढ़ के पांच राज्यसभा सदस्यों में से दो - छाया वर्मा (कांग्रेस) और रामविचार नेताम (भाजपा) का कार्यकाल अगले महीने समाप्त होने वाला है। राज्य के अन्य तीन राज्यसभा सदस्य कांग्रेस के केटीएस तुलसी और फूलोदेवी नेताम और भाजपा की सरोज पांडे हैं। झामुमो की महुआ माजी और भाजपा के आदित्य साहू झारखंड से निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए। उत्तराखंड से भाजपा उम्मीदवार कल्पना सैनी भी निर्विरोध चुनी गईं और वह कांग्रेस के प्रदीप टम्टा का कार्यकाल चार जुलाई को समाप्त होने के बाद ऊपरी सदन में यह सीट भरेंगी। बीजद ने ओडिशा की तीनों सीट पर और तेलंगाना में टीआरएस ने दोनों सीट पर जीत हासिल की। महाराष्ट्र में, शिवसेना और भाजपा राज्यसभा की छठी सीट के लिए लड़ेंगे, क्योंकि सात उम्मीदवारों में से किसी ने भी अपना नामांकन वापस नहीं लिया। वहां सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के चार और भाजपा के तीन उम्मीदवार हैं।
इस बीच, राजस्थान की चार और हरियाणा की दो सीट के लिए कड़ा मुकाबला होना तय है क्योंकि अंतिम दिन किसी भी उम्मीदवार ने अपनी उम्मीदवारी वापस नहीं ली। कांग्रेस राजस्थान में तीन सीट की उम्मीद कर रही है, जबकि भाजपा एक सीट से हीचुनाव लड़ रही है, चौथी सीट के लिए भाजपा निर्दलीय और मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्र का समर्थन कर रही है। हरियाणा में कांग्रेस ने एक सीट पर अजय माकन को और भाजपा ने खुद का एक उम्मीदवार मैदान में उतारा है, जबकि दूसरी सीट के लिए भाजपा एक अन्य निर्दलीय उम्मीदवार और मीडिया कारोबारी कार्तिकेय शर्मा का समर्थन कर रही है।