By अभिनय आकाश | Dec 24, 2024
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पनामा नहर को वापस लेने की धमकी देने के बाद, चीन ने सोमवार को पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो के इस दावे का समर्थन किया कि नहर और आसपास का प्रत्येक वर्ग मीटर उनके देश का है। चीन ने पनामा नहर पर अपने देश की संप्रभुता के संबंध में मुलिनो के बयान का समर्थन किया। इससे पहले, ट्रम्प ने मध्य अमेरिकी देश पर अमेरिकी जहाजों और नौसैनिक जहाजों के लिए अत्यधिक कीमत वसूलने का आरोप लगाया था। बीबीसी ने मुलिनो के हवाले से कहा कि पनामा की संप्रभुता और स्वतंत्रता पर समझौता नहीं किया जा सकता।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग से जब एक मीडिया ब्रीफिंग में इसको लेकर जब प्रतिक्रिया पूछी गई तो उन्होंने कहा कि पनामा नहर पनामा के लोगों की एक महान रचना है। यह देशों के बीच कनेक्टिविटी का सुनहरा जलमार्ग है। चीन ने नहर पर संप्रभुता के लिए पनामा के लोगों के उचित संघर्ष में हमेशा उनका समर्थन किया है। चीन हमेशा की तरह नहर पर पनामा की संप्रभुता का सम्मान करेगा और नहर को स्थायी रूप से तटस्थ अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग के रूप में मान्यता देगा। इससे पहले, ट्रम्प ने कहा था कि यदि शिपिंग दरें कम नहीं की गईं, तो संयुक्त राज्य अमेरिका मांग करेगा कि पनामा नहर को जल्दी और बिना किसी सवाल के वापस किया जाए।
पनामा नहर, जो 82 किलोमीटर लंबा जलमार्ग है, मध्य अमेरिकी राष्ट्र को काटती है और अटलांटिक और प्रशांत महासागरों के बीच मुख्य कड़ी है। इसे 1900 की शुरुआत में बनाया गया था, अमेरिका ने 1977 तक नहर क्षेत्र पर नियंत्रण बनाए रखा, जब संधियों ने धीरे-धीरे भूमि को पनामा को वापस सौंप दिया। संयुक्त नियंत्रण की अवधि के बाद, पनामा ने 1999 में एकमात्र नियंत्रण ले लिया। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, सालाना 14,000 जहाज नहर पार करते हैं, जिनमें कार, प्राकृतिक गैस और अन्य सामान ले जाने वाले कंटेनर जहाज और सैन्य जहाज शामिल हैं।