By अंकित सिंह | Jul 17, 2023
2024 के लोकसभा चुनाव में एक साल से भी कम का वक्त बचा है। इसी कड़ी में राजनीतिक दल अपने-अपने समीकरणों को साधने में लग गए हैं। एक ओर बेंगलुरु में जहां विपक्षी दलों की बड़ी बैठक हो रही है तो वहीं दिल्ली में 18 जुलाई को सत्तारूढ़ एनडीए की बैठक होने जा रही है। इसको लेकर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में नड्डा ने दावा किया कि एनडीए की बैठक में 38 दल शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि पिछले 9 सालों में एनडीए के शासन में देखा। देश का ग्राफ तेजी से ऊपर हुआ है। देश में अब सिर्फ और सिर्फ विकास की राजनीति हो रही है। उन्होंने साफ-साफ कहा कि एनडीए सरकार में भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
नड्डा ने कहा कि कल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की बैठक शाम को आहुत की गई है। पिछले 9 सालों में एनडीए का जो डेवलमेंट का एजेंडा है, जो स्कीम्स हैं, जो नीतियां हैं, जो मोदी जी के नेतृत्व में चल रही हैं, इसमें एनडीए के सभी दलों ने रूचि दिखाई है। उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में एनडीए सरकार द्वारा सुशासन का काम किया गया है और हम इस पर लगातार काम कर रहे हैं। अब तक 28 लाख करोड़ रुपये सीधे लाभार्थी को हस्तांतरित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले नौ वर्षों में हमने पीएम मोदी का मजबूत नेतृत्व देखा है। इसे देश ने सराहा है और सकारात्मक माहौल बना है। देश का सामान्य नागरिक भी गौरव महसूस करता है। उन्होंने कहा कि बैठक को लेकर एनडीए में उत्साह है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि 9 साल के अंदर गांव, गरीब, शोषित, पीड़ित, वंचित, दलित, युवा, महिला, किसान इन सबके प्रति स्कीम्स को फोकस किया गया है। इससे इनके सशक्तिकरण में हमें बहुत सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि दुनिया कई कारणों से वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कर रही है। इसके बावजूद, आईएमएफ ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर है...मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और यह एशिया और वैश्विक विकास के लिए एक प्रमुख चालक है। उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में मोदी जी के नेतृत्व में एक मजबूत लीडरशिप देखने को मिली है, जिसको देश ने भी सराहा है और एक बहुत ही पॉजिटिव वातावरण बना है। कोविड प्रबंधन में मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने दुनिया में मिसाल कायम की है।
नड्डा ने कहा कि आज NDA के प्रति लोगों का रूझान है। ये गठबंधन सत्ता के लिए नहीं है। ये गठबंधन सेवा के लिए है, भारत को मजबूत करने के लिए है। उन्होंने विपक्षी एकता की बैठक पर तंज कसते हुए कहा कि जहां तक UPA का सवाल है, ये भानुमति का कुनबा है। ये ऐसा गठबंधन है, जिसके पास न तो नेता है और न ही नीयत है, न नीति है और न ही फैसला लेने की ताकत है। यह 10 साल की UPA सरकार के भ्रष्टाचार और घोटालों का टोला है। यह स्वार्थ पर आधारित गठबंधन है और केवल फोटो खींचने के अवसर के लिए है। उन्होंने कहा कि कहीं की ईंट, कहीं का रोड़ा, भानुमति ने कुनबा जोड़ा।