By अनुराग गुप्ता | Nov 23, 2021
नई दिल्ली। 28 साल के शांतनु नायडू ने उद्योग जगत में एक ऐसा मुकाम बना लिया है, जिसका अच्छे-अच्छे उद्यमी महज सपना देखते हैं। साधारण तरीके से अपने जीवन को व्यतीत करने वाले टाटा ग्रुप के प्रमुख रतन टाटा ने एक ऐसे स्टार्टअप को अपना समर्थन दिया है, जिसके फाउंडर शांतनु नायडू हैं।
आपको बता दें कि रतन टाटा को कुत्तों से बहुत ज्यादा प्यार है और वो अक्सर कुत्तों की फोटो साझा करते हुए देखे जा सकता हैं। ऐसे में आवारा कुत्तों को दुर्घटना से बचाने के लिए शांतनु नायडू ने अपने मित्र रतन टाटा को एक पत्र लिखा और उनके साथ जानकारी साझा की और इससे रतन टाटा प्रभावित भी हुए।
GoodFellows बुजुर्गों की रोजमर्रा के काम में मदद करेगी लेकिन इस हम GoodFellows की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि हम मोटो पॉज की बात कर रहे हैं। रतन टाटा ने शांतनु नायडू को मोटो पॉज शुरू करने में मदद की थी। मोटो पॉज आवारा कुत्तों या फिर किसी भी आवारा जानवर के गले में लगाने वाला रिफ्लेक्टिव कॉलर है। अगर आवारा जानवर रिफ्लेक्टिव कॉलर को पहने हुए हैं तो दुर्घटना की संभावनाएं काफी हद तक कम हो सकती है।
सोशल मीडिया से कराया था परिचय
शांतनु नायडू ने रतन टाटा को सोशल मीडिया से परिचित कराया था। उन्होंने सर्वप्रथम ई-मेल के माध्यम से उनसे संपर्क किया था लेकिन गुजरते वक्त के साथ रतन टाटा का व्यक्तिगत पक्ष भी सोशल मीडिया पर दिखाई देने लगा। स्टार्टअप का समर्थन करने वाले रतन टाटा को शांतनु नायडू के विचार काफी अच्छे लगे और देखते-ही-देखते दोनों के बीच दोस्ती गहरा गई।