By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 14, 2021
लंदन। ब्रिटेन के सीमा बल के अधिकारियों ने स्कॉटलैंड के शहर ग्लासगो में आव्रजन संबंधी नियमों के उल्लंघन के संदेह में दो भारतीय को हिरासत में ले लिया था, हालांकि घटना के बाद स्थानीय लोगों ने सड़क जाम कर करीब आठ घंटे तक बल की गाड़ी को वहां से जाने नहीं दिया, जिसके चलते दोनों भारतीय को रिहा करना पड़ा। मीडिया की खबरों के अनुसार, दोनों भारतीयों को जमानत पर रिहा किया गया है और मामले की जांच जारी है। ‘द इंडिपेंडेंट की खबर के अनुसार, ग्लासगो के पोलोक्शील्ड्स क्षेत्र में सैकड़ों स्थानीय लोगों ने दोनों भारतीयों को ले जा रही बॉर्डर एजेंसी की वैन को वहां रोकने की कोशिश की। स्कॉटलैंड के एक स्थानीय समाचारपत्र ने बताया कि प्रदर्शनकारी वहां, ‘‘ हमारे पड़ोसियों को छोड़ दो, उन्हें जाने दो’’ और ‘‘पुलिस कर्मी घर जाओ’’ के नारे लगाते सुनाई दिए।
अधिकारियों ने कहा कि वे ग्लासगो में हुए गतिरोध के बाद सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन दोनों लोगों को छोड़ रहे हैं। प्रदर्शन के बाद स्कॉटलैंड की प्रधानमंत्री निकोला स्टर्जन ने ‘होम ऑफिस’ पर ‘‘ खतरनाक एवं अस्वीकार्य स्थिति’’ उत्पन्न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘ ईद के दिन...कोविड-19 के प्रकोप के बीच ऐसा करना... लेकिन इससे भी बड़ी समस्या भयावह आश्रय एवं आव्रजन नीति है।’’ उन्होंने कहा कि वह ब्रिटेन की सरकार से ‘‘आश्वासन देने की मांग’’ करती हैं कि वे ऐसी खतरनाक स्थिति दोबारा उत्पन्न नहीं करेंगे।
स्टर्जन ने कहा, ‘‘ मैंने जब एक कनिष्ठ मंत्री से बात करने की कोशिश की तो, ना कोई आश्वासन दिया गया.. ना कोई सहानूभुति दिखाई गई है।’’ ‘नो एविक्शन्स नेटवर्क’ समूह के अनुसार, तीन प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया गया है। वहीं, स्कॉटलैंड पुलिस ने इन दोनों भारतीय की रिहाई की घोषणा के आदेश में कहा, ‘‘ पोलोक्शील्ड्स की केनमुरे स्ट्रीट पर प्रदर्शन में शामिल सभी लोगों की सुरक्षा, उनके स्वास्थ्य और कल्याण को ध्यान में रखते हुए, मुख्य अधीक्षक मार्क सदरलैंड ने ‘यूके इमीग्रेशन इन्फोर्समेंट’ द्वारा हिरासत में लिए गए दो लोगों को रिहा करने का फैसला लिया है...।