वह जब आरोपी के कब्जे से छूटकर आई तो उसने अपने परिवार वालों के साथ जाकर करेली थाने में रिपोर्ट की पुलिस ने विवेचना के बाद न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया। अभियोजन ने अपने समर्थन में 11 साक्षियों की साक्ष्य अंकित कराकर अपने अंतिम तर्क प्रस्तुत किये जिससे सहमत होते हुए। आरोपी लखन को धारा 376, 363 एवं 452 भादवि का दोषी पाते हुए 14 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1,0000 रुपये के अर्थदंड से दण्डित किया अभियोजन की और से विशेष लोक अभियोजक ठाकुर सूर्यप्रताप सिंह ने पैरवी की।