Lockdown के 12वें दिन देश ने मनाई दिवाली, एक और पैकेज पर विचार कर रही सरकार

By नीरज कुमार दुबे | Apr 05, 2020

देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों में 505 और मरने वालों की संख्या में 11 का इजाफा होने के साथ ही रविवार को मरीजों की संख्या बढ़कर 3,577 हो गयी, जबकि मृतकों की संख्या 83 पर पहुंच गयी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में कोविड-19 से संक्रमित 3219 लोगों का उपचार चल रहा है, जबकि 274 लोग स्वस्थ हो गए हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है तथा एक अन्य व्यक्ति दूसरे देश चला गया है। हालांकि, राज्यों द्वारा दी गई जानकारी पर आधारित तालिका के अनुसार, देशभर में कम से कम 110 लोगों की मौत हुई है जबकि रविवार सुबह तक संक्रमण के मामले बढ़कर 3,959 हो गए। इनमें से 306 लोग ठीक हो गए और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

 

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तबलीगी जमात और मरकज पर प्रतिबंध की माँग


देश में कोविड-19 के मामलों के केंद्र के रुप में उभरे तबलीगी जमात और इसके निजामुद्दीन मरकज पर विश्व हिंदू परिषद ने रविवार को पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की। तबलीगी जमात में शामिल हुए लोगों के संपर्क में आए कई लोगों में संक्रमण के मामले सामने आए हैं। देश भर में फैले कोरोना संक्रमण के लिए तबलीगी जमात और उसके मरकज को जिम्मेदार ठहराते हुए विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा कि इस पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए और उसके सभी बैंक खातों को सील कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि संगठन कट्टरपंथ और आतंक का पोषण करने वाला है।


करोड़ों भारतीयों ने दीये, मोमबत्ती, मोबाइल फोन की फ्लैश लाइट जलाई


कोरोना वायरस संकट से निपटने में राष्ट्र के ‘‘सामूहिक संकल्प और एकजुटता’’ को प्रदर्शित करने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर ‘रविवार रात नौ बजे नौ मिनट तक’ करोड़ों देशवासियों ने अपने घरों की बत्ती बुझा दी और दीये, मोमबत्ती तथा मोबाइल फोन की फ्लैशलाइट जलाई। उल्लेखनीय है कि यह पहला मौका है जब मोदी ने ‘लॉकडाउन’ के दौरान इस वैश्विक महामारी के खिलाफ लोगों को एकजुट करने की कोशिश की। लॉकडाउन से ठीक पहले 22 मार्च को ‘‘जनता कर्फ्यू ’’के दौरान भी लोगों ने प्रधानमंत्री की अपील पर ताली, थाली, और घंटी आदि बजा कर कोरोना वायरस संकट का मुकाबला कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों का उत्साह बढ़ाया था। रविवार रात नौ बजते ही, ज्यादातर घरों में बत्तियां बुझा दी गई और लोगों ने बालकनी में खड़े होकर मोबाइल फोन की फ्लैशलाइट जलाई। जबकि, कइयों ने दीये और मोमबत्ती भी जलाये।


एक और पैकेज पर विचार कर रही सरकार


सरकार ने लॉकडाउन समाप्त होने के बाद की संभावित स्थिति पर विचार करना शुरू कर दिया है। कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने के लिये सरकार एक और राहत पैकेज पर विचार कर रही है ताकि अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार की दिशा में आगे बढ़ा जा सके। हालांकि इस दिशा में अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह कहा। एक अधिकारी ने कहा कि फिलहाल उन मुद्दों पर ध्यान दिया जा रहा है जोकि 15 अप्रैल को लॉकडाउन उठने के बाद सामने आ सकते हैं। एक पैकेज पर विचार किया गया है लेकिन इस बारे में अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। अधिकारी ने कहा कि इसके पीछे विचार यह है कि खपत को फिर से तेज किया जाये, इसलिये इस दिशा में कुछ उपाय करने की जरूरत होगी।

 

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बंगाल सरकार ने भ्रांतियां दूर कीं


कोरोना वायरस संक्रमण से मौत के बाद अंतिम संस्कार को लेकर विरोध का सामना करने के बाद ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल सरकार लोगों को यह समझाने में सफल रही है कि इससे स्वास्थ्य को कोई खतरा नहीं है और इस प्रक्रिया में पर्याप्त एहतियात कदम उठाए जा रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को बताया कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण से मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए एक परामर्श जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि ऐसे शवों को जलाने के बाद बची राख से आसपास रहने वाले लोगों को इससे कोई खतरा नहीं है। स्वास्थ्य विभाग ने कोलकाता नगर निगम के साथ मिल कर लोगों को इस बारे में सही जानकारी देने जैसे कदम उठाए हैं। कोरोना वायरस से मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार के लिए चिह्नित स्थानों के आसपास रहने वाले लोगों को जानकारी दी जा रही है, इसके अलावा माइक के जरिए लोगों को अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की जा रही है।


फार्मा इकाइयां निर्बाध रूप से काम करें


कोरोना वायरस संकट से मुकाबला करने के लिए सरकार ने रविवार को सभी जिलास्तरीय अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि दवाइयां और उपकरण तैयार करने वाली फार्मा इकाइयां निर्बाध रूप से काम कर सकें। इससे एक दिन पहले ही भारत ने अधिकतर डायग्नोस्टिक किट के निर्यात पर रोक लगा दी थी। उधर अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि कोरोना का संक्रमण हवा से फैलता है। रविवार को ही आव्रजन अधिकारियों ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आठ मलेशियाई नागरिकों को पकड़ा जिन्होंने यहां निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में भाग लिया था। वे लोग फंसे हुए यात्रियों के लिए एक विशेष उड़ान से देश से भागने की फिराक में थे।


अनिवार्य वस्तुओं की होगी सुगम आवाजाही


कोरोना वायरस संबंधी प्रतिबंधों के बीच केंद्र सरकार ने राज्यों को किराना और अन्य अनिवार्य वस्तुओं की आवाजाही सुगम बनाने के विषय में नए निर्देश दिए हैं। राज्य सरकारों से राज्यों के भीतर और अंतर्राज्यीय ट्रकों के आवागमन और इस काम में जुड़े ड्राइवरों व मजदूरों को काम की जगह पहुंचने की छूट देने को कहा है। उपभोक्ता मामलों के सचिव पवन कुमार अग्रवाल ने इस संबंध में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें जो अनिवार्य वस्तुओं की सुगम आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य पुलिस के साथ समन्वय करें। इनोडल अधिकारी उन कंपनियों और संगठनों को अनुमति पत्र भी जारी करेगा जो देशभर में अनिवार्य वस्तुओं की आपूर्ति करते हैं।

 

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मोदी ने सोनिया, मनमोहन, प्रणब समेत विभिन्न दलों के नेताओं से बातचीत की


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी सहित विभिन्न दलों के कई नेताओं से कोरोना वायरस महामारी की स्थिति पर चर्चा की। सूत्रों ने बताया कि मोदी ने घातक कोविड-19 से जुड़े मुद्दों पर पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा से भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि शीर्ष नेताओं से उनकी बातचीत इस मुद्दे पर विभिन्न पक्षों के साथ विचार-विमर्श करने का हिस्सा थी। मोदी ने समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, तेलंगाना के मुख्यमंत्री और टीआरएस नेता के. चंद्रशेखर राव, द्रमुक के एम.के. स्टालिन और शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल सहित कई नेताओं से भी बातचीत की। प्रधानमंत्री आठ अप्रैल को विभिन्न राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं से भी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बातचीत करेंगे।


कोरोना पर चर्चा पड़ी भारी


उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद के करेली थाना अंतर्गत बक्शी मोढ़ा गांव में रविवार की सुबह एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को संज्ञान में लेते हुए मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने बताया कि सुबह करीब 10 बजे अखबार पढ़ने के दौरान कुछ कहासुनी हुई जिस पर 28 वर्षीय लोटन निषाद नाम के व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई। उन्होंने बताया कि हत्या के आरोपी दो व्यक्तियों- मोहम्मद सोना और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और बाकी लोगों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। करेली थाना के सूत्रों ने बताया कि सुबह गांव की एक किराने की दुकान पर अखबार में तब्लीगी जमात को लेकर छपी खबर पर चर्चा हो रही थी और लोटन निषाद ने देश में कोरोना वायरस फैलने के लिए जमात के लोगों को जिम्मेदार बताया। इस पर समुदाय विशेष के लोगों ने आपत्ति की और बात हाथापाई तक पहुंच गई। सूत्रों के अनुसार कहासुनी के बाद एक व्यक्ति ने देशी कट्टे से लोटन निषाद के सिर पर गोली मार दी और अस्पताल ले जाते समय उसने दम तोड़ दिया। शव का पोस्टमार्टम कराकर रविवार शाम गांव के पास यमुना नदी के तट पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।


चीन ने बेच डाले करीब चार अरब मास्क


चीन ने रविवार को कहा कि उसने मार्च से अब तक अन्य देशों को करीब चार अरब मास्क बेचे हैं। चीन ने यह जानकारी ऐसे समय दी है जब चिकित्सा से जुड़े उसके उपकरणों को खरीदने वाले देश गुणवत्ता को लेकर सवाल उठा रहे हैं। चीन के सीमा शुल्क विभाग की एक अधिकारी जिन हेई ने कहा कि एक मार्च से अभी तक 50 से अधिक देशों को 3.86 अरब मास्क, 3.75 करोड़ सुरक्षा परिधान, 16 हजार वेंटिलेटर और 28.4 लाख कोविड-19 टेस्टिंग किट निर्यात किये गये हैं। उन्होंने कहा कि ये निर्यात 10.2 अरब युआन यानी 1.4 अरब डॉलर के बराबर हैं। चीन से चिकित्सा से जुड़े उपकरण मंगाने वाले कई देश जैसे नीदरलैंड, फिलीपींस, क्रोएशिया, तुर्की और स्पेन आदि गुणवत्ता को लेकर शिकायत कर रहे हैं। नीदरलैंड ने पिछले सप्ताह चीन से आये 13 लाख मास्क में से छह लाख मास्क खराब गुणवत्ता के कारण लौटा दिये। स्पेन ने भी हजारों कोविड-19 टेस्ट किट को खारिज कर दिया।


मरने वालों की संख्या 65 हजार से अधिक हुई


कोरोना वायरस का मामला पहली बार पिछले वर्ष दिसम्बर में चीन में आने के बाद से अब तक दुनिया भर के 190 देशों एवं क्षेत्रों में इस महामारी से मरने वाले लोगों की संख्या 65 हजार 272 हो गई हे जबकि 12 लाख से अधिक लोग इससे संक्रमित हैं। एएफपी ने आधिकारिक स्रोतों से प्राप्त जानकारी के आधार पर आंकड़े जारी किए जिसके मुताबिक सबसे अधिक मौत इटली में 15 हजार 362 लोगों की हुई है। स्पेन में 12 हजार 418, अमेरिका में आठ हजार 503, फ्रांस में 7560 और ब्रिटेन में 4313 लोग कोरोना वायरस का शिकार हुए हैं। वायरस से स्पेन में लगातार तीसरे दिन मरने वालों की संख्या में कमी आई है। रविवार को वहां 674 लोगों की वायरस से मौत हुई। इससे एक दिन पहले इटली में कोरोना वायरस के गंभीर संक्रमण की संख्या पहली बार 4068 से कम होकर 3994 दर्ज की गई। अमेरिका में वायरस का प्रमुख केंद्र न्यूयॉर्क है जहां एक दिन में 630 लोगों की मौत हो गई जो 24 घंटे के अंदर हुई सर्वाधिक मौत है।


फ्रांस सम्मानजनक मौत देने के लिए भी संघर्ष कर रहा


कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित फ्रांस में गंभीर हालत में भर्ती मरीज जिनके जिंदा रहने की उम्मीद लगभग समाप्त हो चुकी है वह अपनी हर सांस के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनके इस कठिन समय में दर्द को कम करने वाली दवा और वेंटिलेटर की कमी के चलते चिकित्सक उन्हें सम्मानजनक मौत देने में भी खुद को असहाय पा रहे हैं। फ्रांस में जैसे-जैसे कोरोना वायरस की महामारी विकराल हो रही चिकित्सा कर्मी उन अनुभवों को साझा कर रहे हैं जिसमें उन्होंने कैसे किसी मरीज को गहन चिकित्सा कक्ष के बिस्तर देना है या नहीं इसका कठोर फैसला किया। फ्रांसीसी जेरोन्टोलॉजी और जेरियाट्रिक्स सोसायटी के अध्यक्ष प्रोफेसर ओलिवियर गुएरी ने बताया, ‘‘कुछ मरीजों के लिए ऐसा इलाज बेकार और क्रूर होता है। गहन चिकित्सा कक्ष में इलाज कर रही टीम को यह फैसला करना होता है कि किसे बचाया जा सकता है।’’


-नीरज कुमार दुबे


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