अमेरिका के नवर्विचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ताजपोशी अभी भले न हुई हो लेकिन उनके बयान चर्चा का सबब बन रहे हैं। अब उन्होंने भारत पर एक ऐसा बयान दिया है जिससे भारत में व्यापारी तबके में बड़ी चिंता देखी जा रही है। डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर पारस्परिक कर (रेसिप्रोकल टैक्स ) लगाने का इरादा जाहिर किया है। ट्रंप ने बीते दिनों इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि अगर भारत अमेरिका पर टैरिफ लगाता है तो इसके जवाब में हम भी भारत पर उतना ही टैरिफ लगाएंगे। भारत और ब्राजील उन देशों में शामिल हैं, जो अमेरिकी सामानों पर सबसे ज्यादा टैरिफ (टैक्स) लगाते हैं।
अमेरिकी सत्ता से बाहर हो रहे बाइडन प्रशासन ने कहा है कि हम भारत के साथ अमेरिकी संबंधों को मजबूत स्थिति में छोड़ रहे हैं। उम्मीद है कि ट्रंप के राष्ट्रपति रहने के दौरान भी ये मजबूत रहेगे। ट्रम्प ने मार-ए-लागो में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगर भारत हमसे 100 प्रतिशत शुल्क लेता है, तो क्या हम उससे बदले में कुछ नहीं लेंगे? आप वाकिफ हैं, वे साइकिल भेजते हैं और हम उन्हें साइकिल भेजते हैं। वे हमसे 100 और 200 प्रतिशत शुल्क लेते हैं। भारत बहुत ज्यादा शुल्क लेता है। ब्राजील भी बहुत ज्यादा शुल्क लेता है। अगर वे हमसे शुल्क लेना चाहते हैं तो ठीक है, लेकिन हम उनसे इसी तरह ज्यादा शुल्क लेंगे। आगामी ट्रंप प्रशासन के लिए नामित वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने कहा कि जो जैसा करता है उसके साथ भी वैसा ही करना, ट्रंप प्रशासन के लिए एक महत्वपूर्ण विषय होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि आप हमारे साथ जैसा व्यवहार करते हैं, आपको उसी तरह से व्यवहार की उम्मीद करनी चाहिए।
ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री ने हमेशा एक दूसरे के प्रति रिश्ते गर्मजोशी से भरे नजर आए। उन दोनों के बीच इस खुशमिजाजी का नतीजा ये निकला कि पहली बार उनके कार्यकाल में ही भारत ने अमेरिका के साथ रक्षा और विदेश मंत्रालय के स्तर पर 2+2 डॉयलॉग हुआ है। कई मौकों पर मोदी की तारीफें करने के बावजूद ट्रम्प ने भारत की प्राथमिकताओं के विरुद्ध भी काम किए हैं, जिनमें शामिल हैं एच-1बी वीजा, जीएसपी और कश्मीर विवाद में मध्यस्थता के प्रस्ताव।