By डा. अनीष व्यास | May 06, 2023
ज्योतिष शास्त्र में साल 2023 को ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति के मद्देनजर बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस साल 2023 में जनवरी में शनि देव ने स्वराशि कुंभ में प्रवेश किया है। अब शनि देव 2025 तक इसी राशि में रहेंगे। वहीं इसके बाद दूसरा सबसे बड़ा राशि परिवर्तन हुआ है देव गुरु बृहस्पति का। वे एक साल बाद अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं। इस बार वह 12 साल बाद मेष राशि में गोचर कर रहे हैं। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि मई माह का शुभारंभ हो चुका है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस महीने का प्रत्येक दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित है। इस मास में कई महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार मनाएं जाएंगे। इस महीने कई महत्वपूर्ण ग्रह राशि परिवर्तन करेंगे और ग्रहों की चाल में बदलाव देखा जाएगा। मई में सूर्य, शुक्र के साथ ही मंगल ग्रह भी अपनी राशि में परिवर्तन करेंगे। ऐसे में मई का महीना भी महत्वपूर्ण हो चला है। मई की शुरुआत मे ही शुक्र ग्रह मिथुन राशि में प्रवेश कर चुके हैं। वहां पहले से ही मंगल विराजे हैं, ऐसे में मई के महीने में शुक्र और मंगल की युति भी बनने जा रही है। इसके बाद ग्रहों के सेनापति मंगल भी इसी महीने में अपनी राशि में परिवर्तन करेंगे। बुध देव फिलहाल मेष राशि में हैं और अस्त अवस्था में हैं, वे भी मई महीने में उदय होने जा रहे हैं।
मई में चार ग्रहों का गोचर
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि मई में सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र ग्रह गोचर करेंगे। 2 मई 2023 को दोपहर 01:46 पर सुख के कारक शुक्र अपनी स्वराशि वृषभ से निकलकर मिथुन में गोचर कर चुके हैं। बुधवार 10 मई 2023 को मंगल का दोपहर 01:44 पर कर्क राशि में गोचर होगा। इस दौरान बुध ग्रह अपनी चाल बदलते हुए मेष राशि में उदय होंगे और इसी राशि में मार्गी होंगे। ग्रहों के राजा सूर्य सोमवार 15 मई 2023 को 11:58 पर वृषभ राशि में गोचर करेंगे। ग्रहों की बदलती चाल का प्रभाव कुछ राशियों के लिए शुभ फलदायी रहेगा।
शुक्र का गोचर
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक 2 मई को दोपहर 1:46 मिनट पर शुक्र ग्रह वृष राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश कर चुके हैं। इसके बाद वे 30 मई को शाम 7:39 मिनट पर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। वे कर्क राशि में 7 जुलाई को सुबह 4:28 मिनट तक रहेंगे। यानी मई में शुक्र दो बार अपनी राशि में परिवर्तन करेंगे। जिसका लाभ कई राशियों के लोगों को लाभ दिलाने वाला रहेगा। इनके जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आएगी।
मंगल का गोचर
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि ग्रहों के सेनापति मंगल ग्रह भी मई महीने में अपनी राशि में परिवर्तन करेंगे। वे 10 मई 2023 को दोपहर 1:44 मिनट पर मिथुन राशि से निकलकर चंद्रमा की राशि कर्क राशि में प्रवेश कर रहे हैं। वे इस राशि में 1 जुलाई को सुबह 1:52 मिनट तक रहेंगे। फिर अपनी राशि में परिवर्तन करेंगे। मंगल व्यक्तिगत जीवन में साहस और पराक्रम के कारक माने जाते हैं। ऐसे में मंगल के गोचर करने से कई राशियों के जीवन में साहस और पराक्रम बढ़ेगा।
सूर्य का गोचर
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि ग्रहों के राजा सूर्य देव 15 मई को सुबह 11:58 मिनट पर मेष राशि छोड़कर वृष राशि में प्रवेश करेंगे। वे एक महीने बाद राशि में परिवर्तन करते हैं। इसलिए वे 15 जून को राशि परिवर्तन करते हुए शाम 6:25 मिनट पर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे।
बुध का गोचर
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि वाणी और बुद्धि के ग्रह 25 अप्रैल2022 से वृषभ राशि में हैं जहां पर ये 10 मई की शाम को वक्री हो जाएंगे फिर 3 जून को मार्गी चाल से चलेंगे।
राशियों पर प्रभाव
शुभ असर- वृष, कन्या, तुला, मकर और मीन
सामान्य प्रभाव- मेष, मिथुन, कर्क, सिंह, धनु, वृश्चिक और कुंभ
ग्रहों के गोचर का प्रभाव
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि बीमारियों के इलाज में भी नए-नए आविष्कार होंगे। नई-नई दवाइयां और तकनीक विकसित होगी। दुर्घटनाएं अप्रिय घटनाएं हिंसा, प्राकृतिक आपदा होने की आशंका। फिल्म एवं राजनीति से दुखद समाचार। व्यापार में तेजी आएगी। बीमारियों में कमी आएगी। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। आय में इजाफा होगा। वायुयान दुर्घटना होने की संभावना। पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता यानि राजनीतिक माहौल उच्च होगा। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ज्यादा होंगे। सत्ता संगठन में बदलाव होंगे। पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जायेगा। देश में आंदोलन, हिंसा, धरना प्रदर्शन हड़ताल, बैंक घोटाला, वायुयान दुर्घटना, विमान में खराबी, उपद्रव और आगजनी की स्थितियां बन सकती है।
करें पूजा-पाठ और दान
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि ग्रहों के अशुभ असर से बचने के लिए हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए। हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें। भगवान शिव और माता दुर्गा की आराधना करनी चाहिए। महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए।
- डा. अनीष व्यास
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक