सोल। उत्तर कोरिया के एक सरकारी दुष्प्रचार चैनल पर रोक लगाने के यूट्यूब के फैसले के बाद इस पूर्वी एशियाई देश के बारे में बाहरी दुनिया को जानकारी मिलना और मुश्किल हो गया है। एक निगरानी समूह ने यह जानकारी दी है। उत्तर कोरिया पहले ही परमाणु कार्यक्रम को लेकर नये प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। पर्यवेक्षक अब तक उत्तर कोरिया के रहस्यमयी शासन और परमाणु कार्यक्रम को लेकर जानकारी के लिए सरकार संचालित समाचार संगठनों पर निर्भर करते रहे हैं।
लेकिन इस तरह का एक प्रमुख स्रोत ‘उरिमिंजोक्किरी’ चैनल इस महीने की शुरूआत से बाहरी दुनिया की पहुंच से बाहर हो गया क्योंकि यूट्यूब ने ‘‘खुले स्रोतों पर आधारित शोधकर्ताओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले वीडियो की आपूर्ति बंद कर दी, जिसका मतलब है कि उत्तर कोरिया में जो हो रहा है, उसके बारे में अब और कम जानकारी मिलेगी।’’ यूट्यूब ने चैनल पर दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए अपने मंच पर उसके वीडियो वगैरह का प्रसारण रोक दिया।
उत्तर कोरिया के विश्लेषण पर केंद्रित ‘38 नॉर्थ’ वेबसाइट पर कल डाले गए एक लेख में मार्टिन विलियम्स ने लिखा है, ‘‘उत्तर कोरिया के प्रति हमारी समझ पहले से ही सीमित है और उत्तर कोरिया की सोच तथा वहां के जनजीवन की जानकारी देने वाले इन सीमित स्रोतों को बंद करने से देश को लेकर हमारी जानकारी अब और सीमित हो जाएगी।’’