By संजय सक्सेना | Jul 02, 2024
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा चुनाव में मनमाफिक सीटें नहीं मिलने के दाग को धोने के लिये स्वयं र्मार्चा संभाल लिया है। प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव में बड़ी जीत हासिल करके योगी विपक्ष को एक बार फिर से बैकफुट पर ढकेलने की रणनीति बना रहे हैं। खासकर अखिलेश यादव द्वारा जीत के बाद छोड़ी गई करहल और अयोध्या लोकसभा से सांसद चुने गये सपा नेता अवधेश प्रसाद के मिल्कीपुर विधान सभा सीट त्यागपत्र देने के बाद खाली हुई इन दोनों सीटों पर हुए चुनाव को गंभीरता से ले रही हैं। योगी ने इन 10 में से अपने हिस्से की पांच सीटों पर कब्जा बरकरार रखने के साथ ही शेष पांच सीटों को भी जीतने की रणनीति बनाई है। उप चुनाव की कमान खुद मुख्यमंत्री ने अपने हाथों में लिया है। उनके द्वारा सभी 10 सीटों पर 16 मंत्रियों की टीम तैनात कर उन्हें जीत पक्की करने की जिम्मेदारी दी गई है। इन सीटों के नतीजों से ही इन मंत्रियों की हैसियत भी घटे या बढ़ेगी।
मंत्रियों की टीम में भाजपा के अलावा सहयोगी दलों के मंत्रियों को भी शामिल किया गया है। कुछ सीटों पर दो तो कुछ एक मंत्री को जिम्मेदारी दी गई है। इनके साथ संगठन के भी पदाधिकारियों को लगाया जाएगा। दरअसल उप चुनाव में सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज करके भाजपा लोकसभा चुनाव में मिले हार के घाव को भरना चाहती है। इसलिए मंत्रियों को हर हाल में जीत दर्ज करने के अभी से क्षेत्रों में डटे रहने को कहा गया है। वहीं, उप चुनाव की तारीखों की घोषणा जल्द होने की संभावना को देखते हुए भाजपा में टिकट के लिए भी भागदौड़ शुरू हो गई है। विधायक से सांसद बनने वाले नेता जहां अपने परिवार के किसी सदस्य को टिकट दिलाने में जुटे हैं. वहीं कई पूर्व सांसद और विधायक भी टिकट के दौड़ में शामिल हैं।