लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध खनन पर सख्त रूख अपनाते हुए पुलिस एवं जिला प्रशासन के साथ रणनीति बनाकर काम करने पर जोर दिया। उन्होंने 20 दिन के भीतर खनन पट्टों के लिए ‘ई-टेंडर’ प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने मंगलवार देर रात भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान अधिकारियों से कहा, ‘‘अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए पुलिस एवं जिला प्रशासन के साथ रणनीति बनाकर काम किये जाने की आवश्यकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रदेश में खनन पर लगी रोक से विकास कार्यों पर प्रभाव पड़ रहा है। इससे आम जनता को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।’’ योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अल्प अवधि में अधिकतम 10 मई तक खनन पट्टों के लिए ई-टेण्डरिंग के माध्यम से पारदर्शी ढंग से प्रक्रिया पूरी किया जाना सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा, ‘‘यह व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि इस पर कोई उंगली न उठा सके और राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान भी न हो। कार्यवाही ऐसी होनी चाहिए कि आम जनता को भी असुविधा का सामना न करना पड़े।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रक्रिया पूरी करने की कार्यवाही के लिए एक अच्छी टीम लगाकर पारदर्शी तरीके से कार्य किया जाना सुनिश्चित किया जाए और खनन पट्टों के लिए जिलाधिकारी को जवाबदेह बनाया जाए। उन्होंने कहा कि भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग राजस्व का बड़ा स्रोत हो सकता है किन्तु विभाग से राजस्व की प्राप्तियां काफी कम हैं। उन्होंने अधिकारियों को राजस्व प्राप्तियां बढ़ाने के लिए योजना बनाकर काम करने के निर्देश दिए।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव से पहले जारी भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम का उल्लेख है। इसमें साफ कहा गया है, ‘‘अवैध खनन को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए सुदृढ़ खनन नीति की रचना की जाएगी और एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन कर अब तक के अवैध खनन में लिप्त दोषियों को दंडित किया जाएगा।’’