By अभिनय आकाश | Dec 20, 2021
उत्तर प्रदेश में पॉलिटिक्स का पारा चढ़ा हुआ है। इनकम टैक्स वाले छापे से छिड़ी लड़ाई अब बढ़कर फोन टैपिंग पर आ गई है और साथ में आरोपों की नई कड़ी भी लेकर आई। करीबी आयकर विभाग की रडार पर आए तो अखिलेश यादव ने जोरदार सवाल उठाए और चुनाव से पहले छापेमारी को साजिश बताया। अब फोन टैपिंग वाला मुद्दा पूरे जोर-शोर से उठाया। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर 'फोन टैपिंग' करने का आरोप लगाया। अखिलेश ने योगी सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि हमारे सभी फोन टैप किए जा रहे हैं और हमारी बातचीत रिकॉर्ड की जा रही है। पार्टी कार्यालय में जितने भी फोन हैं उनकी बात सुनी जा रही है, शाम के वक्त कुछ रिकॉर्डिंग खुद सीएम सुन रहे हैं। यदि आप हमसे संपर्क करते हैं, तो जान लें कि वे आपकी कॉल सुन रहे हैं।
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम ने आरोप लगाया कि आगामी विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा सरकार आने वाले दिनों में सपा नेताओं को सताने के लिए विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों का दुरुपयोग करना शुरू कर देगी। अखिलेश की ये टिप्पणी कुछ सपा नेताओं के कार्यालयों और आवासों पर आयकर विभाग द्वारा छापेमारी और तलाशी के एक दिन बाद आई है। अभी तक ये संस्थाएं उनके लिए थीं जो सत्ता में हैं। हालांकि, सरकार उनका इस्तेमाल यह सुनिश्चित करने के लिए कर रही है कि सपा अगली सरकार न बनाए।
अखिलेश यादव के आरोपों का जवाब देते हुए सीएम योगी ने कहा, 'शायद अखिलेश ने जब सत्ता में थे तो कुछ ऐसा ही किया था इसलिए अब दूसरों पर आरोप लगा रहे हैं। मथुरा में भाजपा की जन विश्वास यात्रा के दौरान इंडिया टुडे से बात करते हुए सीएम योगी ने कहा कि अखिलेश के सहयोगियों के घरों पर आयकर विभाग (आईटी) की छापेमारी के मामले पर कहा कि आईटी छापे एक नियमित प्रक्रिया का हिस्सा हैं। इसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। ऐसा कांग्रेस के जमाने में भी हुआ करता था। यह आय से अधिक संपत्ति का मामला है। यह कांग्रेस के समय की बात है न कि भाजपा के समय की।