महंत नरेंद्र गिरी को योगी ने दी श्रद्धांजलि, कहा- यह हमारे आध्यात्मिक और धार्मिक समाज की अपूरणीय क्षति है

By अंकित सिंह | Sep 21, 2021

प्रयागराज में महंत नरेंद्र गिरि की कथित आत्महत्या के बाद हर तरफ इस बात को लेकर चर्चा तेज है। इन सबके बीच आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को प्रयागराज में उनके बाघंबरी मठ स्थित आवास पर श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि देने के बाद योगी आदित्यनाथ ने नरेंद्र गिरी की मौत को अपूरणीय क्षति बताया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस दुखद घटना से हम सब व्यथित हैं। यह हमारे आध्यात्मिक और धार्मिक समाज की अपूरणीय क्षति है। मान अपमान की चिंता के बगैर उन्होंने प्रयागराज कुंभ को भव्यता के साथ आयोजित करने में  योगदान दिया था। समाज और देश के हित में किए जाने वाले हर निर्णय में उनका सहयोग प्राप्त होता था। योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि कल की घटना को लेकर बहुत से साक्ष्य इकट्ठे किए गए हैं। पुलिस की एक टीम, यहां के एडीजी जोन, आईजी रेंज और डीआईजी प्रयागराज, मंडलायुक्त प्रयागराज सभी अधिकारी एकसाथ मिलकर इस काम को आगे बढ़ा रहे हैं। एक-एक घटना का पर्दाफाश होगा और दोषी को अवश्य सजा मिलेगी। योगी ने बताया कि उनके शिष्यों, अनुयायियों और अखाड़ा से जुड़े पदाधिकारियों की राय है कि आज जनता के दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर बाघंबरी पीठ पर रहेगा। कल 5 सदस्यीय टीम पार्थिव शरीर के पोस्टमार्टम की कार्रवाई सम्पन्न करेगी। उसके बाद उनके भावनाओं के अनुरूप यहां समाधि का कार्यक्रम सम्पन्न होगा। 


सोमवार को हुई थी मौत

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेंद्र गिरि ने अपने मठ बाघंबरी गद्दी में सोमवार की शाम कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महंत के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। पुलिस महानिरीक्षक (प्रयागराज रेंज)केपी सिंह ने मठ बाघंबरी गद्दी में संवाददाताओं को बताया कि शाम को पुलिस के पास फोन आया कि महाराज जी (महंत नरेंद्र गिरि)पंखे पर फंदे से लटक गए हैं। महंत के शिष्यों के मुताबिक, घटना के समय दरवाजा भीतर से बंद था और उन्होंने दरवाजा तोड़कर उन्हें फंदे से उतारकर जमीन पर लिटाया। सिंह ने बताया कि पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तो महंत की मृत्यु हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला नजर आता है तथा घटनास्थल से सात-आठ पेज का सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें महंत ने अपने आश्रम के बारे में क्या करना है.. एक तरह से वसीयतनामा लिखा है। पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि सुसाइड नोट में महंत ने लिखा है कि वह अपने एक शिष्य से दुखी थे। 

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