योगी ने दिये ‘यश भारती’ पुरस्कार की गहन समीक्षा के निर्देश

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 21, 2017

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘यश भारती’ पुरस्कार की गहन समीक्षा के निर्देश दिये हैं। योगी ने गुरुवार देर रात संस्कृति विभाग के प्रस्तुतीकरण के दौरान कहा, ‘‘यह पुरस्कार किस आधार और मापदंड पर दिये गये, इसकी समीक्षा की जाए। समीक्षा के बाद इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पुरस्कारों के वितरण के दौरान उसकी गरिमा का भी ध्यान रखा जाए। अपात्रों को अनावश्यक पुरस्कृत करने से पुरस्कार की गरिमा गिरती है।’’

 

उल्लेखनीय है कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने यश भारती पुरस्कार देने की शुरूआत की थी, जिसे उनके बेटे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जारी रखा। कला, संस्कृति, खेल, फिल्म, समाजसेवा आदि क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान करने वालों को यश भारती से सम्मानित किया गया है। पूर्व की सपा सरकार ने यश भारती से सम्मानित हस्तियों को पेंशन का भी प्रावधान किया था। प्रस्तुतीकरण के दौरान कुशीनगर जिले में चलायी जा रही मैत्रेय परियोजना का जिक्र आने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना पर पुनर्विचार की आवश्यकता है क्योंकि अनावश्यक भूमि अधिग्रहण के कारण इससे प्रभावित किसान इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं।

 

उन्होंने कहा कि इस परियोजना की संकल्पना एवं इसको लागू करने का तरीका ठीक न होने के कारण यह अभी तक मूर्त रूप नहीं ले पायी है। किसी भी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण से पहले किसानों की राय अवश्य ली जानी चाहिए। जहां तक सम्भव हो, जनपदों में मौजूद ऊसर, बंजर जैसी अनुपजाऊ भूमि का उपयोग परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए किया जाना चाहिए।

 

योगी ने कहा कि इस परियोजना की व्यापक समीक्षा करते हुए इस पर पुनर्विचार किया जाए और इसे रोक दिया जाए, क्योंकि इस परियोजना में शामिल ट्रस्ट ने 14 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी आज तक इसे आगे बढ़ाने की दिशा में कोई कार्य नहीं किया। भातखण्डे संगीत संस्थान पर चर्चा करते हुए योगी ने कहा कि इसकी शाखाएं प्रदेश के अन्य जिलों में भी स्थापित करने की सम्भावनाओं को तलाशा जाए क्योंकि संगीत में बालिकाओं की रुचि होती है। ऐसे में उन्हें एक अच्छे संगीत संस्थान से शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कॉलेजों को इस संस्थान से सम्बद्ध करने पर भी विचार करने के निर्देश दिये।

 

मुख्यमंत्री ने विपन्न और वृद्ध कलाकारों को दी जाने वाली मासिक पेंशन राशि को बढ़ाने के लिए भारत सरकार द्वारा संचालित ऐसी ही योजनाओं से प्रदेश सरकार द्वारा संचालित इस योजना को जोड़ने के लिए कहा। उन्होंने ब्रज क्षेत्र में कला केन्द्र स्थापित करने के प्रस्ताव पर भी विचार करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि लोक परम्परा, लोक संस्कृति, लोकगीत तथा ऐतिहासिक परम्पराओं पर केन्द्रित लाइट एण्ड साउण्ड कार्यक्रमों के आयोजन पर भी काम किया जाए। उन्होंने अस्सी घाट पर सुबह-ए-बनारस कार्यक्रम को सुप्रभातम नाम से आयोजित करने का भी आश्वासन दिया।

 

योगी ने कहा कि संस्कृति को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए हम सभी को प्रयास करने होंगे। सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण करना होगा ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियां अपने गौरवशाली अतीत को देख सकें। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन से सांस्कृतिक गतिविधियों को बहुत बढ़ावा दिया जा सकता है। प्रदेश सरकार इस दिशा में प्रभावी कदम उठाते हुए प्रदेश की संस्कृति को हर हाल में संरक्षण प्रदान करते हुए बढ़ावा देगी। प्रस्तुतीकरण के दौरान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा सहित मंत्रिमण्डल के अन्य सदस्य एवं वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

 

योगी आदित्यनाथ ने जल, वायु और ध्वनि प्रदूषण को जन स्वास्थ्य के लिए घातक बताते हुए इस पर त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर सख्त कार्रवाई के लिए कहा। योगी ने पर्यावरण विभाग के प्रस्तुतीकरण के दौरान कहा, ‘‘पर्यावरण में होने वाले बदलावों से हम सभी प्रभावित होते हैं। स्वस्थ समाज के लिए संतुलित पर्यावरण अत्यन्त आवश्यक है। पर्यावरण को प्रदूषित होने से रोकने की जिम्मेदारी हम सबकी है। ऐसे में यह आवश्यक है कि हम हर तरह के प्रदूषण पर लगाम लगाएं।’’

 

योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया, ‘‘प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग इसकी रोकथाम किए जाने के सभी प्रयास सुनिश्चित करें। रोकथाम न होने पर सख्त कार्रवाई की जाए।’’ उन्होंने जल तथा वायु में मौजूद प्रदूषण को जन स्वास्थ्य के लिए घातक बताते हुए इस पर त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ध्वनि प्रदूषण भी एक बहुत बड़ी समस्या है। इस पर भी नियंत्रण की आवश्यकता है।

 

योगी ने पॉलीथिन बैग के उपयोग पर प्रभावी प्रतिबन्ध लगाने की आवश्यकता पर बल देने के साथ-साथ शहरों में व्याप्त प्रदूषण को समाप्त करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नदियों के किनारे स्थापित किये गये उद्योगों से होने वाले जल प्रदूषण को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की जाए। उनके द्वारा नदियों में पहुंचाये जा रहे प्रदूषित जल तथा अन्य उत्प्रवाह को हर हाल में रोका जाए, अन्यथा नदियों में मौजूद जलचरों के साथ-साथ मनुष्यों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने पर्यावरण विभाग को निर्देश दिया कि पर्यावरण को सन्तुलित एवं साफ-सुथरा बनाने के लिए प्रभावी कार्य किये जाएं।

 

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