By अंकित सिंह | Sep 19, 2022
नेताओं की लोकप्रियता और उनके प्रति जनता की दीवानगी तो हमने खूब देखा है। अपने नेताओं को लेकर कई समर्थक तो ऐसे भी होते हैं जो उनकी तुलना भगवान से करने लगते हैं। कुछ ऐसा ही योगी आदित्यनाथ के साथ हो रहा है। दरअसल, अयोध्या के एक व्यक्ति ने योगी आदित्यनाथ का मंदिर बनवा दिया है। योगी आदित्यनाथ से वह इतना प्रभावित है कि उसने मंदिर में योगी को भगवान श्री राम का रूप दे दिया है। मंदिर में सुबह शाम पूजा होती है। आरती होती है। आसपास के लोग भी योगी आदित्यनाथ की प्रतिमा को पूजा करने यहां पहुंचने लगे हैं। पूजा के बाद भक्तों के बीच प्रसाद बांटा जा रहा है। मंदिर बनवाने वाले योगी के भक्त का नाम प्रभाकर मौर्य है जो 32 साल का है। प्रभाकर अयोध्या के मौर्या का पुरवा गांव में रहता है। उसने मंदिर को बनवाने में 8.56 लाखों रुपए खर्च किए हैं।
योगी को इस मंदिर में राम के अवतार में दिखाया गया है। योगी आदित्यनाथ की जो मूर्ति है, उसके हाथ में धनुष और तीर भी थमाया गया है। इसके अलावा उनके पीछे चक्र भी दिखाई दे रहा है। दरअसल, प्रभाकर प्रसिद्ध यूट्यूबर हैं। प्रभाकर मौर्य ने योगी आदित्यनाथ के समर्थन में 500 से ज्यादा गाने गाए हैं। योगी आदित्यनाथ की मूर्ति को राजस्थान में विशेष आर्डर पर बनवाया गया है। प्रभाकर योगी आदित्यनाथ को भगवान राम और कृष्ण का अवतार मानते हैं। प्रभाकर का दावा है कि योगी आदित्यनाथ सनातन धर्म का प्रचार कर रहे हैं इसलिए उनके लिए वह भगवान से कम नहीं हैं। प्रभाकर ने यह भी बताया है कि हमने योगी आदित्यनाथ जी का मंदिर बनवाया है इसलिए क्योंकि वह भगवान राम का मंदिर बनवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जिस तरह जन कल्याण के लिए काम किए हैं, उन्हें देवता का स्थान मिल गया है।
यूट्यूबर का दावा है कि उसने यूट्यूब के द्वारा कमाए गए पैसे से यह मंदिर बनवाए हैं। उन्होंने कहा कि वह बेरोजगार और भूमिहीन हैं, लेकिन वे यूट्यूब पर भजन और धार्मिक गीत पोस्ट करके महीने में लगभग एक लाख रुपये कमाते हैं और उसी पैसे से इस मंदिर का निर्माण किया। मंदिर में स्थापित मूर्ति फाइबर की है। मूर्ति की ऊंचाई 5 फीट 4 इंच है। प्रभाकर योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी कर चुका है। प्रभाकर रामायण और जागरण में जाता है। इसके बाद उसने यूट्यूब पर अपना चैनल बनाया। यह मंदिर राम जन्मभूमि से करीब 25 किलोमीटर दूर जिले के भरतकुंड क्षेत्र में फैजाबाद-प्रयागराज राजमार्ग पर बनाया गया है। माना जाता है कि भरतकुंड वह स्थान है जहां भगवान राम के भाई भरत ने उन्हें वनवास जाते समय विदाई दी थी।