गोरखपुर (उप्र)। गोरखपुर लोकसभा सीट के लिए हुये उपचुनाव में आभा गंवा चुकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस बार आम चुनाव में भोजपुरी सिनेमा के चर्चित चेहरे रवि किशन को भले ही टिकट देकर बाजी अपने पक्ष में करने की कोशिश की है पर अभी भी मुख्यमंत्री और इस सीट से प्रतिनिधित्व कर चुके योगी आदित्यनाथ यहां केंद्रीय भूमिका में बने हुये हैं। चुनावी रैलियों में प्रचार के समय रवि किशन को योगी के साथ ‘‘हाथ जोड़े’’ सहज ही देखा जा सकता है। गोरखपीठ की जागीर के रूप में देखे जाने वाली गोरखपुर सीट पर इस बार दस प्रत्याशी हैं और यहां पर मतदाताओं की कुल संख्या 19.54 लाख है।
राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि यहां पर रवि किशन का सीधा मुकाबला गठबंधन के उम्मीदवार और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राम भुआल निषाद से है। योगी यहां से 1998 और 2017 में चुनाव जीत चुके हैं पर 2018 में हुये उपचुनाव में इस सीट पर भाजपा हार गई थी। तब योगी ही पार्टी का चेहरा थे इसलिए इस बार पार्टी और उनके समर्थक पराजय का कड़वा घूंट पीने को भूल कर चुनावी मैदान में डटे हुये है। भाजपा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने कहा,‘‘इस सीट पर लड़ाई महाराज के सम्मान की है.. हिंदू युवा वाहिनी और भाजपा इस बार एकजुट हैं और एक इकाई की तरह प्रचार कर रहे है। यहां प्रचार की कमान खुद योगी ने संभाल रखी है और वह यहां 19 मई को होने वाले मतदान के लिए दिन रात एक किए हुये हैं। योगी दो दर्जन से अधिक रैलियों को संबोधित कर चुके हैं।
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इस सप्ताह उनका भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ रोडशो निकालने की योजना है। खुद रवि किशन उनकी लोकप्रियता की सीढ़ी पर चढ़कर चुनाव जीतने की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘योगी जी मुझे यहां लेकर आये। हम अब एक रिकॉर्ड जीत की उम्मीद कर रहे हैं।’’ उनके मुख्य प्रतिद्वंदी निषाद मछुआरा जाति से हैं और उसकी यहां पर संख्या साढ़े तीन लाख मानी जाती है और इसी तथ्य को ध्यान में रखकर गठबंधन ने उन्हें टिकट दिया है। सोमवार को चंपा देवी पार्क में आयोजित गठबंधन की रैली में भारी भीड़ उमड़ी। रैली में शामिल बसपा समर्थक श्रवण कुमार ने कहा कि वह वही करेंगे जो बहनजी ने करने को कहा है।