By अभिनय आकाश | Jul 22, 2022
द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति चुनी गई हैं। वे भारत की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति हैं। 21 जुलाई को आए राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों में एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को तीसरे राउंड की गिनती में ही हरा दिया। मुर्मू को 6,76,803 मूल्य के वोट मिले। जबकि यशवंत सिन्हा के खाते में 3,80, 177 मूल्य के वोट गए। इस चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को 64.04 प्रतिशत और यशवंत सिन्हा को 35.97 प्रतिशत वोट मिले। राष्ट्रपति के चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में सत्तापक्ष और गैर एनडीए दलों के अलावा विपक्षी दलोंके भी 17 सांसदों और 126 विधायकों ने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर अपना वोट दिया। जिसके चलते मुर्मू को बड़ी जीत हासिल हुई।
दोनों उम्मीदवारों को जो मत प्रतिशत मिले इसके पीछे का गणित कुछ ऐसा रहा। इस बार राष्ट्रपति चुनाव में सांसदों और विधायकों के कुल वोट 4809 और इनका कुल मूल्य 10, 86,431 था। 18 जुलाई को वोटिंग के दिन 4754 ही वोट पड़े थे। जिनका कुल मूल्य 10,72, 377 है। इनमें लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के 776 वोटों का कुल मूल्य 5,43, 200 है। लेकिन कुल 763 सांसदों ने मतदान में अपने मत का प्रयोग किया। 763 सांसदों का कुल वोट मूल्य 5,34,100 रहा। 14 सांसदों ने इस चुनाव में मतदान नहीं किया।
एनडीए के कुल वोटों से करीब डेढ़ लाख वोट ज्यादा
बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए में जेडीयू, अपना दल (एस), एआईएडीएमके, एनपीपी, निषाद पार्टी, एनपीएफ, एमएनएफ, एआईएनआर पार्टियां हैं जिनके वोट का मूल्य 5.26 लाख है। ऐसे में मुर्मू को एनडीए के कुल वोटों से करीब डेढ़ लाख वोट ज्यादा मिले हैं। ऐसा विपक्षी खेमे के समर्थन और क्रॉस वोटिंग की वजह से हो सका है।
क्रॉस वोटिंग से यशवंत सिन्हा को 26 हजार वोट का नुकसान
राष्ट्रपति चुनाव में 17 सासंदो और 125 विधायकों ने पार्टी लाइन से हटकर द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोटिंग की। इनके अलग वोच मूल्यों को देखें तो सांसदों के वोट 11900 रहे हैं। वहीं क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों में असम से 22, मध्य प्रदेश से 20, महाराष्ट्र से 16, बिहार और छत्तीसगढ़ से 6-6 व गुजरात-झारखंड से 10-10, मेघालय में 7 और हिमाचल में 2 व गोवा में 4 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। क्रॉस वोटिंग करने वाले वोटों की वैल्यू करीब 26 हजार हो रही है।