By अंकित सिंह | Jan 14, 2025
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में भारत का थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) नवंबर 2024 में 1.89 प्रतिशत से बढ़कर 2.37 प्रतिशत हो गया। मंत्रालय के अनुसार, इससे खाद्य पदार्थों की कीमतें कम होने के बावजूद विनिर्मित उत्पादों में बढ़ोतरी हुई। मंत्रालय ने कहा कि दिसंबर 2024 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं, खाद्य उत्पादों के निर्माण, अन्य विनिर्माण, कपड़ा और गैर-खाद्य वस्तुओं के निर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।
थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति नवंबर 2024 में 1.89 प्रतिशत थी। दिसंबर 2023 में यह 0.86 प्रतिशत थी। आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2024 में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर घटकर 8.47 फीसदी हो गई, जो नवंबर में 8.63 फीसदी थी। सब्जियों की महंगाई दर 28.65 फीसदी रही, जो नवंबर में 28.57 फीसदी थी। दिसंबर में आलू की मुद्रास्फीति 93.20 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रही और प्याज की मुद्रास्फीति बढ़कर 16.81 प्रतिशत हो गई।
खाद्य पदार्थों में अनाज, दालें, गेहूं की महंगाई दर में दिसंबर में कमी देखी गई। ईंधन और बिजली श्रेणी में दिसंबर में 3.79 प्रतिशत की अपस्फीति देखी गई, जबकि नवंबर में यह 5.83 प्रतिशत थी। विनिर्मित वस्तुओं में मुद्रास्फीति 2.14 प्रतिशत रही, जो नवंबर में 2 प्रतिशत थी। सोमवार को जारी खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों से पता चला कि खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी से दिसंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति घटकर 4 महीने के निचले स्तर 5.22 प्रतिशत पर आ गई।