By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 08, 2022
पटना| पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने जदयू के भीतर इस तरह की धारणा पैदा होने पर बृहस्पतिवार को खेद व्यक्त किया कि वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अब विश्वासपात्र नहीं रहे और उनके कई वफादारों को बर्खास्त कर दिया गया है। उन्होंने अपनी भविष्य की योजनाओं को लेकर कहा कि वह युवाओं को कॅरियर संबंधी प्रशिक्षण देंगे और पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करेंगे।
सिंह ने राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त होने से एक दिन पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। वह आज अपने गृह राज्य की यात्रा पर पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष से पिछले महीने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आधार पर दल के प्रवक्ता अजय आलोक और अन्य प्रमुख पदाधिकारियों के निष्कासन के बारे में पूछा गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी में लोगों को शामिल करने या निष्कासित करने में मेरी ज्यादा भूमिका नहीं है। लेकिन किसी पार्टी सहित किसी भी संगठन में ‘‘विच हंट’’ नहीं होना चाहिए।’’
नौकरशाह से राजनेता बने सिंह ने कहा, ‘‘मैंने खुद अपने परिश्रम और ताकत से अपनी पहचान बनायी है। मैं एक सीधा-सादा आदमी हूं और हमेशा सीधा चलता हूं।’’ उन्होंने कहा कि वह आगे चलकर बिहार के नौजवानों के कॅरियर निर्माण के लिए मार्गदर्शन करेंगे, साथ ही युवा कैसे एक सफल उद्यमी बनें इसका भी प्रशिक्षण देंगे।
सिंह ने कहा कि उनकी रूचि शुरू से ही अध्ययन में रही है और आगे भी पुस्तकों का अध्ययन करेंगे। इसके अलावा वह जदयू पार्टी को मजबूत करने में अपना योगदान देंगे।
उन्होंने कहा कि वह पार्टी से नये युवाओं को जोड़ेगे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पार्टी को और आगे तक ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी किसी से कोई नाराजगी नहीं है तथा जेडीयू को मजबूत बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
उत्तर प्रदेश कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी आरसीपी ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए नीतीश का उस समय विश्वास अर्जित किया था जब वह रेल मंत्री थे। बिहार में नीतीश के सत्ता संभालने के बाद आरसीपी लंबे समय तक उनके प्रधान सचिव रहे थे। सिंह से उनके भाजपा में शामिल होने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘आपको बेहतर तौर पर पता होगा।