By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 24, 2022
ब्रसेल्स। यूक्रेन पर रूसी हमले की विश्व के नेताओं ने बृहस्पतिवार को निंदा की। उन्होंने इसे ‘एक अनुचित और बर्बर कृत्य’ करार दिया और रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने समेत हमले के लिए ‘क्रेमलिन’ को जिम्मेदार ठहराने की बात कही। यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने रूस की कार्रवाई को एक स्वतंत्र राष्ट्र पर ‘‘बर्बर हमला’’ कहा, जिसने ‘‘यूरोप में स्थिरता और संपूर्ण अंतरराष्ट्रीय शांति व्यवस्था’’ को भी निशाना बनाया है। लेयेन ने कहा हम मिलकर इसके लिए व्लादिमीर पुतिन को जिम्मेदार ठहरायेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम यूरोपीय नेताओं के समक्ष अनुमति के लिए बड़े और लक्षित प्रतिबंधों का पैकेज पेश करेंगे।’’
यूरोपीय संघ के विदेश नीति मामलों के प्रमुख जोसेप बोरेल ने इन्हें अब तक के ‘कठोरतम और बेहद नुकसानदायक’ प्रतिबंध करार दिया। बोरेल ने कहा, ‘‘यह न केवल अंतरराष्ट्रीय कानून का सबसे बड़ा उल्लंघन है, यह मानव सह-अस्तित्व के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन है। कई लोगों की जान जा रही है। यूरोपीय संघ कड़ी से कड़ी जवाबी कार्रवाई करेगा।’’ पुतिन के पूर्वी यूक्रेन पर हमले की घोषणा करने के बीच उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के दूतों ने एक आपात सत्र बुलाया। नाटो सम्मेलन की भी तैयारी चल रही है।
नाटो महासचिव जेन्स स्टोल्टनबर्ग ने एक बयान में कहा, ‘‘यह अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है और यूरो- अटलांटिक सुरक्षा को गंभीर चुनौती है।’’ जापान, स्पेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, इटली समेत अन्य देशों ने भी रूसी हमले की निंदा की है। जर्मनी और तुर्की ने यूक्रेन के नागरिकों को सतर्क करते हुए सुरक्षित स्थान पर रहने को कहा है। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने यूक्रेन में सैनिक भेजने से रूस को रोकने के लिए असाधारण आपात बैठक बुलाई। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने शांति की अपील की है। जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्त्ज ने रूसी हमले को ‘‘रूस के लिए एक भयानक दिन और यूरोप के लिए एक स्याह दिना’’ करार दिया। चांसलर ने कहा कि यह हमला अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सरासर उल्लंघन है।
चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री पीटर फियाला ने रूसी हमले की निंदा करते हुए कहा, ‘‘यह निर्विवाद रूप से एक संप्रभु राष्ट्र के खिलाफ हमले की अनुचित कार्रवाई है।’’ स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री एडुअर्ड हेगर ने इसे एक अनुचित और बर्बर कृत्य करार दिया। फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि ‘‘फ्रांस युद्ध छेड़ने के रूस के फैसले की कड़ी निंदा करता है’’ और यूक्रेन के लिए समर्थन का वादा करता है। मैक्रों ने कहा कि ‘‘रूस को अपने सैन्य अभियानों को तुरंत समाप्त करना चाहिए।’’ उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बात की। फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय के एक बयान के अनुसार, मैक्रों से बातचीत में जेलेंस्की ने यूक्रेन के लिए यूरोप के एकजुट सहयोग की मांग की। मैक्रों ने कहा कि फ्रांस ‘‘युद्ध को समाप्त करने के लिए अपने भागीदारों और सहयोगियों के साथ काम कर रहा है।’’
वहीं, चीन ने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की आलोचना की है। चीन ने यूक्रेन में अपने नागरिकों को सलाह दी है कि वह घर में रहें और यदि लंबी दूरी की यात्रा करने की जरूरत पड़े तो अपने वाहनों में चीनी ध्वज लगाएं। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि रूस के खिलाफ प्रतिबंध शुक्रवार तक कानून बन जायेंगे, लेकिन मार्च के अंत से पहले प्रभावी नहीं होंगे। मॉरिसन ने कहा, ‘‘हम यह सब इसलिए कर रहे हैं कि यूक्रेन पर बिना उकसावे के, गैर कानूनी, अवांछनीय और अनुचित हमले का परिणाम रूस को भुगतना पड़े। ’’ जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने रूसी हमले की आलोचना करते हुए कहा कि उनका देश अमेरिका और अन्य सहयोगियों के साथ त्वरित प्रतिक्रिया व्यक्त करेगा। किशिदा ने कहा कि रूसी हमले ने अंतरराष्ट्रीय कानून के उस बुनियादी सिद्धांत को जोखिम में डाल दिया है जिसके तहत यथा स्थिति को बदलने के लिए सेना के एक पक्षीय इस्तेमाल की मनाही है। किशिदा ने कहा, ‘‘यूक्रेन में जापानी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अहम और चुनौतीपूर्ण है। हालात को पूरी तरह समझने के बाद हम मामले को उचित तरीके से हल करेंगे।’’
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बृहस्पतिवार तड़के यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से बात की और संकल्प जताया कि पश्चिमी देश चुप नहीं रहेंगे क्योंकि पुतिन ने यूक्रेन के लोगों के खिलाफ अभियान शुरू किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने जॉनसन और जेलेंस्की की बातचीत के बारे में बताया, ‘‘प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा है कि पश्चिमी देश चुप नहीं रहेंगे क्योंकि राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेनी लोगों के खिलाफ अपना अभियान शुरू किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यूक्रेन प्रतिरोध कर सकता है तथा इस मुश्किल समय के दौरान ब्रिटेन के लोग यूक्रेन और उसके लोगों के साथ खड़े हैं।