By अनन्या मिश्रा | Nov 14, 2024
डायबिटीज एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है, जो बहुत तेजी से दुनिया भर में अपने पैर पसार रही है। वहीं अगर भारत की बात की जाए, तो हमारा देश इस बीमारी का बड़ा शिकार बनता जा रहा है। खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव डायबिटीज होने का बड़ा कारण माना जाता है। यह अपने आप में सिर्फ एक बीमारी नहीं है, बल्कि डायबिटीज के होने पर व्यक्ति को अन्य कई बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।
इसलिए इस बीमारी से बचाव और लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरुक करने के लिए हर साल 14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया जाता है। क्योंकि इस बीमारी को शुरूआत में की कंट्रोल करना बेहद जरूरी होता है। तो ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको वर्ल्ड डायबिटीज डे का इतिहास, महत्व और थीम के बारे में बताने जा रहे हैं।
इतिहास
बता दें कि लोगों को डायबिटीज के प्रति जागरूक करने और इसके रोकथाम के लिए इंटरनेशनल डायबिटीज फाउंडेशन ने इस दिन को मनाने की घोषणा की थी। इस दिन को मनाए जाने की शुरूआत साल 1991 में हुई थी। संयुक्त राष्ट्र की घोषणा के साथ ही वर्ल्ड डायबिटीज डे दुनिया भर में मनाया जाने लगा। दरअसल, सर फ्रेडरिक बैंटिंग और चार्ल्स बेस्ट ने मिलकर 14 नवंबर को इंसुलिन की खोज की थी। जिस वजह से हर साल 14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया जाता है।
महत्व
इस दिन को मनाए जाने के महत्व के बारे में बात करें, तो इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरुक करना है। जिससे कि लोग डायबिटीज के लक्षणों को पहचान कर शुरूआत में ही इसको कंट्रोल कर सकें। यह दिन इसलिए मनाया जाता है, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को यह पता चल सके कि इस बीमारी से लड़ने के लिए किस तरह के हेल्थ केयर सुविधाओं की जरूरत होती है।
थीम
वर्ल्ड डायबिटीज डे के मौके पर हर साल एक विशेष थीम तैयार की जाती है। यह थीम इस बीमारी के रोकथाम के आधार पर जोर देने का काम करती है। इस बार की थीम 'Breaking Barriers, Bridging Gaps' रखी गई है।