World AIDS Vaccine Day 2024: हर साल 18 मई को मनाया जाता है वर्ल्ड एड्स वैक्सीन डे, जानिए क्या है इतिहास

By अनन्या मिश्रा | May 18, 2024

एड्स एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है। लेकिन आज भी हमारे समाज में इस बीमारी को लेकर जागरुकता की कमी है। एड्स एक ऐसी बीमारी है, जिसका कोई इलाज नहीं है। ऐसे में एड्स बीमारी के प्रति जागरुकता फैलाने और इसकी वैक्सीन को विकसित करने के महत्व के बारे में जागरुकता को लेकर हर साल 18 मई को वर्ल्ड एड्स वैक्सीन डे मनाया जाता है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इस खास दिन के इतिहास और इसके महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं।


इतिहास

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज ने साल 1998 में इस दिन की शुरूआत की थी। तत्कालीन संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन द्वारा यह दिन एचआईवी वैक्सीन विकसित करने के आह्वान के बारे में याद दिलाता है। राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने साल 1997 में मॉर्गन स्टेट यूनिवर्सिटी में दिए जा रहे अपने भाषण एड्स के लिए वैक्सीन विकसित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला था।


महत्व

बता दें कि यह दिन एचआईवी वैक्सीन की जरूरत और इसकी रिसर्च पर प्रकाश डालने का काम करता है। वर्ल्ड एड्स वैक्सीन डे पर दुनिया भर के लोग एड्स से जान गंवाने वाले लाखों लोगों को श्रद्धांजलि देते हैं। साथ ही वैश्विक स्तर पर इस बीमारी के प्रतिकूल प्रभाव पर प्रकाश डालते हैं। 


एड्स क्या है

एड्स को एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम भी कहा जाता है। जो ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस की वजह से होता है। ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस शरीर के इम्यून सिस्टम पर हमला करता है और सीडी4 सेल्स को अपना निशाना बनाता है। वहीं सीडी4 सेल्स संक्रमण और बीमारियों से लड़ने के लिए बेहद जरूरी होता है। एचआईवी से पीड़ित मरीज की इम्यूनिटी गंभीर रूप से कमजोर हो जाती है और अगर व्यक्ति को सही समय पर इलाज न मिले तो यह जानलेवा साबित होता है।


एड्स के लक्षण

एड्स के लक्षणों में जोड़ों का दर्द, ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द, बुखार, गले में खराश, सूजी हुई ग्रंथियां, पसीना आना (विशेषकर रात में), शरीर पर लाल चकत्ते पड़ने के अलावा थकान शामिल है।


जानिए कैसे फैलता है एड्स

वेजाइनल डिस्चार्ज, एनल फ्लूइड, एचआईवी खून, वीर्य और ब्रेस्ट मिल्क के जरिए एड्स की बीमारी फैस सकती है। इसके अलावा एचआईवी संक्रमित खून से दूषित सुई या सीरिंज शेयर करने और असुरक्षित यौन संबंध बनाने से भी यह बीमारी फैल सकती है। एड्स की बीमारी प्रसव, गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान संक्रमित मां से बच्चे में फैल सकती है।

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